Bhopal News: राजधानी भोपाल (Bhopal) में इन दिनों पड़ रही कडक़ड़ाती धूप के बीच एक युवती तीन बदलाव के लिए भोपाल के चौक चौराहों और सडक़ों पर घूम रही है. युवती की मांग है कि भोपाल का नाम भोजपाल (Bhojpal) हो, थैलेसीनिया (Thalassemia) बीमारी से पीडि़त बच्चों के लिए बेहतर इलाज की व्यवस्था और अश्लीलता मुक्त भारत होना चाहिए.


एबीपी से चर्चा करते हुए युवती ने बताया कि उसे भारत सरकार से उम्मीद नहीं, लेकिन सीएम 'मामा' (Shivraj Singh Chouhan) से बहुत उम्मीद हैं. वे जरुर मेरी तीनों ही मांगों को पूरा करेंगे.


'उर्फी जावेद की वजह से फैल रही अश्लीलता'
बता दें कि देववाणी प्रियंता राजपूत नाम की युवती भोपाल की सडक़ों पर कडक़ड़ाती धूप में हाथों में तख्तियां लेकर घूम रही है. युवती कभी पॉलीटेक्निक चौराहा तो कभी बीजेपी कार्यालय सहित अनेक चौराहों पर तख्तियां लेकर घूमती फिर रही है. युवती प्रियंका राजपूत का कहना है कि एक्ट्रेस 'उर्फी जावेद की वजह से देश में अश्लीलता फैल रही है.' इस अश्लीलता पर पूर्णत: प्रतिबंध लगना चाहिए.


भोपाल के स्टूडेंट्स से यह अपील
देववाणी प्रियंता राजपूत ने एबीपी से चर्चा करते हुए बताया कि वह अश्लीलता मुक्त भारत चाहती है. क्योंकि, हम बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं. भारत को विश्व गुरु बनाने में बच्चों को आगे लाना चाहते हैं. बच्चों के योगदान से ही भारत विश्व गुरु बनेगा. मैं भोपाल के स्टूडेंट्स से कहना चाहती हूं कि आप गलत कामों पर अपना टाइम वेस्ट न करें. टाइम वेस्ट करना है, रील बनाना है तो भारत के इतिहास, प्राचीन सभ्यता और संस्कृति पर बनाओ, उसे वायरल भी करो. 


अश्लीलता से खराब हो रही देश की छवि
युवती प्रियंका राजपूत ने बताया कि विश्व भारत को गुरु माने, इसके लिए हमें प्रयास करने होंगे. शिक्षा को और बेहतर बनाना होगा. अश्लीलता वाली चीजों से हमारे देश की छवि खराब हो रही है. ये चीजे बंद होनी चाहिए. हमारे भारत में जितने भी ऐसे जिले हैं, क्षेत्र हैं, जिनके नाम का इतिहास नहीं है, उनके नाम बदले जाने चाहिए. भोपाल को भोजपाल किया जाना चाहिए. 


"मामा जी मेरी मांगें पूरी करें"
युवती प्रियंका राजपूत ने बताया कि थैलेसीमिया बहुत गंभीर बीमारी है. मामा जी और भारत सरकार से मेरी अपील है कि यदि भारत सरकार मेरी मांगें पूरी नहीं करती है तो कम से कम 'मामा जी' तो मेरी मांगें पूरी कर सकते हैं, क्योंकि मैं उनकी भानजी हूं. मैं चाहती हूं कि थैलेसीमिया बीमारी के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाए. 


समर्थन कर रहे आम लोग 
युवती प्रियंका राजपूत ने कहा कि यहां से बहुत सारे व्यापारी वर्ग के लोग गुजरते हैं. लेकिन, वह मुझ पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देते, क्योंकि उन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई लड़की धूप में खड़ी रहे. उन्हें सिर्फ अपनी लाइफ से मतलब रहता है. लेकिन, हां मैं भोपाल के आम नागरिकों की तारीफ करना चाहूंगी. वे मेरे पास रुकते भी हैं और मेरा समर्थन भी करते हैं.


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