Bhopal News: आयुष्मान योजना (Ayushman Yojna) के नाम पर भोपाल (Bhopal)  के वैष्णो अस्पताल (Vaishno Hospital) में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. आयुष्मान भारत योजना असल में भारत को आरोग्य बनाने को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है. जिसके अंतर्गत मध्यमवर्गीय और गरीब लोगों का फ्री इलाज कराने की मंशा रखते हुए भारत सरकार ने विभिन्न जिम्मेदार अस्पतालों को साथी हिस्सेदार बनाया है.


क्या है पूरा मामला?


भोपाल में आयुष्मान योजना के अंतर्गत फर्जी मरीजों की भर्ती कर वैष्णो अस्पताल प्रबंधन लाखों रुपए लूट कर कमा रहा था. इसी संबंध के चलते वैष्णो अस्पताल प्रबंधन को सीएचएमओ भोपाल ने नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा है.सूत्रों की जानकारी के अनुसार अस्पताल प्रबंधन  को नए मरीजों के दाखिले पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है.भारत को रोग मुक्त बनाने के लिए इस बड़े अभियान की नींव रखी गई थी लेकिन बीते कुछ सालों में ये बात निकलकर सामने आई है कि कई अस्पताल में मौजूद प्रबंधन ने बढ़ते लालच के दौर में इस योजना को अपने घोटालों का शिकार बना रखा है.


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साथ ही आयुष्मान भारत के अंतर्गत जो मरीज अभी वर्तमान में उपचार ले रहे हैं उन्हें भी निश्चित अस्पतालों में भेजने की बात कही गई है. सीएचएमओ ने अस्पताल प्रबंधन वैष्णो अस्पताल को स्पष्ट किया है कि यदि सही समय पर स्पष्टीकरण एवं जवाब नहीं दिया जाता है तो अस्पताल पर कार्रवाई करते हुए उनका पंजीयन भी रद्द कर दिया जाएगा. बीते दिनों अस्पताल के अंदर फर्जी मरीजों के दाखिले की बातों को लेकर खबर छापी गई थी जो सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्म ऊपर वायरल हुई थी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और राजधानी भोपाल के सीएचएमओ डॉ प्रभाकर तिवारी ने उक्त अस्पताल पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया.


धोखाधड़ी का मामला किया दर्ज


साथ ही आयुष्मान भारत योजना से जुड़े प्रमुख अधिकारियों ने भी क्राइम ब्रांच में अस्पताल संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इससे जुड़े किसी भी व्यक्ति विशेष को छोड़ा या बख्शा नहीं जाएगा. इस पूरे मामले को लेकर क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि वैष्णो अस्पताल के संचालक विवेक परिवार को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. फर्जी बिल लगाकर उनसे एक करोड़ रुपए लिए जा चुके है. 50 लाख का बिल क्लियर होने वाला था. इससे पहले ही करतूत पकड़ी गई. विवेक अस्पताल में काम करने वाले आयुष्मान मित्र अमित इंगले की मदद से लोगों के कार्ड बनवाता था. जिसके बाद जांच ओर पूछताछ जारी है.


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