Bhopal Children's Home Missing Girls Story: चिल्ड्रन होम मामले में गायब 26 बच्चियों के खोज निकालने का दावा प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. प्रशासन के अनुसार सभी बच्चियां अपने परिजन के साथ हैं, लेकिन अब चिल्ड्रन होम हॉस्टल की परत दर परत खुलती जा रही है. हॉस्टल में बच्चियों को मजबूरन प्रभु यीशू के दर्शन करने पड़ते थे. क्योंकि हॉस्टल परिसर, क्लास रूम और किचन में प्रभु यीशू के जीवन से जुड़े प्रसंगों के ही चित्र लगे हुए हैं. इसके साथ ही हॉस्टल परिसर में रोजाना बच्चियां प्रभु यीशू की प्रार्थना करती थीं.
बता दें राजधानी भोपाल में गांधी नगर से सात किलोमीटर दूर तारा सेवनिया गांव है. इस गांव में चिल्ड्रन होम का संचालन बगैर रजिस्ट्रेशन के हो रहा था. पुलिस जांच में हुए खुलासे के अनुसार चिल्ड्रन होम का संचालन रेलवे चाइल्ड लाइन 1098 का संचालन करने वाली संस्था संजीवनी सर्विसेस सोसायटी कर रही थी. यह हॉस्टल करीब 4 एकड़ एरिया में बना हुआ है.
तारा सेवनिया क्षेत्र स्थित संचालित हॉस्टल में 68 बच्चियों के रहने की एंट्री प्राप्त हुई थी, जबकि यहां मात्र 41 बच्चियां ही पाई गईं थी, जबकि 26 बच्चियां गायब थी. मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और बच्चियों को खोजने का काम शुरू हुआ. प्रशासन के अनुसार 26 बच्चियों को खोज निकाला है. इन्हें भोपाल के आसपास के क्षेत्र से बरामद किया गया. 10 बच्चियां आदमपुर छावनी हरिपुरा, 13 बच्चियां अयोध्या बस्ती, 2 बच्चियां रूप नगर क्रेशर एरिया और एक बच्ची रायसेन से बरामद की गई हैं.
राज्य आयोग ने किया था निरीक्षण
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने शुक्रवार को आंचल मिशनरी संस्था द्वारा संचालित चिल्ड्रन होम का निरीक्षण किया था. निरीक्षण में सामने आया कि यहां के संचालक अनिल मैथ्यू ने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सडक़ों से रेस्क्यू किए, उनको बिना सरकार को सूचना दिए चलाए जा रहे अपने हॉस्टल में रखा. उनसे ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवाई जा रही है. 6 साल से 18 साल तक की 40 से ज्यादा लड़कियों में अधिकांश हिन्दू हैं.
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