Karni Sena Hunger Strike: कड़ाके की ठंठ के बीच करणी सेना परिवार का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा. अपनी 21 सूत्र मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में शक्ति प्रदर्शन कर रही करणी सेना परिवार दूसरे दिन भी जंबूरी मैदान पर नजर आया. हालांकि, बीती रात ठंड तेज होने की वजह से जंबूरी मैदान में लगभग 50 लोग ही रुके थे. लेकिन, सुबह होते ही मैदान में फिर से आंदोलनकारियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया.
बता दें कि करणी सेना परिवार अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में शक्ति प्रदर्शन कर रहा है. प्रदर्शन के पहले दिन रविवार को शाम चार बजे से करणी सेना परिवार के पांच सदस्य भूख हड़ताल पर बैठे हैं. करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में राजधानी भोपाल में शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है. इस शक्ति प्रदर्शन में मध्यप्रदेश सहित चार राज्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के राजपूत भी शामिल हैं.
इस शक्ति प्रदर्शन के दौरान करणी सेना परिवार ने दावा किया था कि इस आयोजन में दस लाख से अधिक समाजजन आएंगे. हालांकि, करीब दो से ढाई लाख लोग जंबूरी मैदान में मौजूद रहे. प्रदर्शन के पहले दिन से ही करणी सेना परिवार के पांच सदस्य शाम चार बजे से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. रात को ठंड अधिक होने की वजह से जंबूरी मैदान खाली हो गया था, लेकिन सुबह होते-होते जंबूरी मैदान फिर से भरा—भरा नजर आने लगा है.
करणी सेना परिवार की ये हैं 21 मांगें
1. आरक्षण का आधार आर्थिक किया जाए. एक बार आरक्षण का लाभ मिलने पर दोबारा लाभ नहीं दिया जाए.
2. एससी, एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगे.
3. एससी, एसटी एक्ट की तर्ज पर सामान्य-पिछड़ा वर्ग एक्ट बने, जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता दे.
4. ईडब्ल्यूएस आरक्षण में भूमि व मकान की बाध्यता समाप्त कर आठ लाख की वार्षिक आय को ही आधार मानकर आरक्षण का लाभ दिया जाए. सभी भर्तियों में ईडब्ल्यूएस के छात्रों को उम्र सीमा में छूट और छात्रवृत्ति भी दी जाए.
5. प्रक्रियाधीन शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में प्रथम काउंसलिंग के बाद शेष बचे ईडब्ल्यूएस वर्ग के समस्त पदों को दूसरी काउंसलिंग या शिक्षा विभाग की नियोजन प्रक्रिया में समस्त पदों के साथ ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र अभ्यार्थियों से भरे जाएं. ईडब्ल्यूएस के रिक्त पदों को इसी वर्ग से भरा जाए.
6. प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 में 51 हजार पदों पर न्यायसंगत रोस्टर के साथ भर्ती की जाए व माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 के वंचित विषयों जैसे मातृभाषा हिन्दी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान के विषय में पदों में वृद्धि की जाए.
7. भर्ती कानून बनाए जाएं. प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाली जाए. व्यापम के एक लाख पदों एसआई, पटवारी व अन्य विभागों में शीघ्र भर्ती की जाए और भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए.
8. एमपीपीएससी की 2019, 20, 21 की भर्तियां संवेधानिक रूप से पूरी की जाएं और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को हल किया जाए.
9. केन्द्र और राज्य की आने वाले सभी भर्तियों में सभी वर्गों को तीन वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाए. राज्य सरकार द्वारा दी गई तीन वर्ष की छूट की समयावधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष की जाए.
10. अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों व कोरोना काल में सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की नियमित नियुक्ति हो.
11. किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए, ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके और रासायनिक खादों की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाया जाए. रोजड़ा (घोड़ा रोज) से प्रदेश के कई क्षेत्रों के किसान परेशान हैं. इसमें निजात दिलाने के लिए उचित कार्य योजना बनाई जाए.
12. खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को जीएसटी से मुक्त किया जाए और बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए.
13. क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरंत रोकी जाए. इतिहास संरक्षण समिति बने ताकि समाज में आपसी सामंजस्य बना रहे.
14. सवर्ण आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार कर उसे क्रियाशील बनाया जाए.
15. राज्य कर्मचारी आयोग की सिफारिश, जिसमें कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने को कहा गया है. इसे किसी भी परिस्थिति में लागू नहीं की जाए.
16. गौमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए और सरकार गौशालाओं के स्तर में सुधार करें. गोबर व गोमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था हो ताकि गौ-पालन से भी रोजगार के अवसर बढ़े.
17. पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज मामले वापस लिए जाएं.
18. मध्य प्रदेश की भर्तियों में यहां के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए. अन्य राज्यों के अभ्यार्थियों का कोटा सीमित हो.
19. कर्मचारियों को पदोन्नति के साथ उन्हें अधिकार व सुविधाएं भी दी जाएं. कर्मचारियों की पेंशन पुन: चालू की जाए.
20. पुलिस विभाग में आरक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर 2400 ग्रेड पे लागू की जाए.
21. सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली में सुधार कर शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों की तरह किया जाए. प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रखने के लिए कमेटी बनाई जाए.