MP News: मध्य प्रदेश में स्थित शिवपुरी जिले की सरकारी अस्पताल में एक मरीज का शव 4 दिनों तक अस्पताल के टॉयलेट में पड़ा रहा. इस मामले में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और सीएमएचओ डॉ पवन जैन ने कुछ कर्मचारियों को निलंबित किया है, जबकि उच्च अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
नौ दिसंबर को हुआ था भर्ती
शिवपुरी के कमालगंज स्थित घोसीपुरा इलाके में रहने वाला 40 वर्षीय देवीलाल पिता तेजराम शाक्य पेट में दर्द होने की शिकायत लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचा था. 9 दिसंबर को उसका सर्जरी वार्ड में भर्ती का पर्चा बना. इसके बाद उसे अस्पताल के वार्ड में भर्ती कर दिया गया. दो-तीन दिनों तक देवीलाल कहीं दिखाई नहीं दिया. इसके बाद सोमवार को उसका शव अस्पताल के टॉयलेट से मिला. सर्जरी वार्ड के टॉयलेट से शव मिलने की खबर के बाद हड़कंप मच गया.
इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने सर्जरी वार्ड प्रभारी कमला नगेशिया, मोनिका कटारे, सभ्या पवारे, शायला खान और वार्ड बाय सुनील योगी को सस्पेंड कर दिया है. सीएमएचओ डॉ पवन जैन ने बताया कि सिविल सर्जन राम कुमार चौधरी और सर्जरी वार्ड प्रभारी डॉ पंकज गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
ऐसी है सरकारी अस्पताल की व्यवस्था
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हाल ही में एक प्रसूता प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगाते ही ऑटो में प्रसूता ने 30 किलोमीटर का सफर तय किया. इस दौरान ऑटो में ही उसका प्रसव हो गया और नवजात शिशु की मौत हो गई. यह मामला पूरे मध्य प्रदेश में सुर्खियों में छाया हुआ है. इसके बाद अब शिवपुरी के सरकारी अस्पताल में लापरवाही से युवक की मौत का मामला सामने आया है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अस्पताल के सफाई कर्मी और वार्ड बाई 4 दिन तक टॉयलेट में सफाई व्यवस्था देखने तक नहीं गए. इस मामले में दो सफाई कर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है.