MP Zila Panchayat Election: भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में मंत्री विश्वास सारंग और पूर्व सीएम दिग्विजय में धक्का-मुक्की, देखें वीडियो
MP News: कैबिनेट मंत्री भूपिंदर सिंह ने कहा कि यह मेरी निजी कार है. मैं एक मंत्री हूं और मंत्री को मिलने वाली सुरक्षा व्यवस्था मेरे पास है. अगर कोई अगवा हुआ है तो उसके परिजनों को इसकी शिकायत करनी चाहिए.
भोपाल: मध्य प्रदेश में शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है. इसके लिए प्रदेश के कई जिलों में हंगामा हुआ है. वहीं कई जगह सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के कार्यकर्ता-नेता आमने सामने आ गए. ऐसा ही एक मामला राजधानी भोपाल में भी देखने को मिला. वहां जिला पंचायत दफ्तर के बाहर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और विधायक और मंत्री विश्वास सारंग के बीच झड़प हो गई. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव में जिला प्रशासन और पुलिस सरकार के दबाव में काम कर रहा है.
क्या क्या आरोप लगाए गए
भोपाल में कांग्रेस ने बीजेपी पर अपने चार जिला पंचायत सदस्यों को अगवा करने का आरोप लगाया. कांग्रेस का कहना है कि जिला प्रशासन बीजेपी कार्यकर्ता की तरफ काम कर रहा है. प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह अपनी गाड़ी से अपने समर्थित प्रत्याशी के साथ पहुंचे. दिग्विजय सिंह और आरिफ मसूद ने उनकी गाड़ी को अंदर जाने से रोक दिया. इसके बाद वहां विवाद हो गया.
#WATCH | A scuffle broke out between Congress MP Digvijaya Singh & BJP MLA Vishvas Sarang outside the District Panchayat office in Bhopal, Madhya Pradesh after Congress alleged that the police & administration were working under pressure of government during the local body polls pic.twitter.com/4ZcmmLoWBD
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 29, 2022
मंत्री का क्या कहना था
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बीजेपी के विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री भूपिंदर सिंह ने कहा कि यह मेरी निजी कार है. मैं एक मंत्री हूं और एक मंत्री को मिलने वाली सुरक्षा व्यवस्था मेरे पास है. अगर कोई अगवा हुआ है तो उसके परिवार को इसकी शिकायत करनी चाहिए. उसके परिवार को इसको लेकर चिंता जतानी चाहिए. कांग्रेस को भी इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए.
कांग्रेस नेता ने क्या आरोप लगाए
वहीं कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर कोई अनपढ़ है और वह मतदान करने में सक्षम नहीं है तो वह अपने परिवार के किसी सदस्य को इसके लिए ले सकता है. लेकिन यहां 9 वोट फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर डाले गए हैं. यहां लोग सरकारी कारों में लाए जा रहे हैं और वो वोट डाल रहे हैं. यह चुनाव के नियमों का सरासर उल्लंघन है.
यह भी पढ़ें