Bhopal News Today: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कार्यरत संविदा सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (SE) प्रदीप जैन की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं. यह निर्णय लोकायुक्त जरिये बीते दिनों प्रदीप जैन के घर पर मारे गए छापे के बाद लिया गया, जिसमें उनकी आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ था.


लोकायुक्त की टीम ने प्रदीप जैन के आवास पर छापा मारा, जहां से उन्हें करोड़ों रुपये की संपत्ति, नगदी और बैंक लॉकर मिला था. शुरूआती जांच में लोकायुक्त को प्रदीप जैन की आय से लगभग 300 फीसदी से अधिक संपत्ति का पता चला है, जो उनके घोषित आय स्रोतों से मेल नहीं खाती. इस कार्रवाई के बाद स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी सेवाएं समाप्त करने का फैसला लिया.


स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में संविदा पर तैनात थे एसई
इससे पहले प्रदीप जैन भोपाल नगर निगम में अधीक्षण यंत्री के पद पर तैनात थे, यहां से रिटायरमेंट के बाद स्मार्ट सिटी परियोजना में संविदा पर नियुक्त किए गए थे. 


भोपाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में प्रदीप जैन करीब एक साल से बतौर सुपरिटेंडेंट इंजीनियर तैनात थे. इस मामले में अधिकारियों ने जैन के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत दिए हैं.


मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, लोकायुक्त के शुरुआती जांच में पता चला है कि प्रदीप जैन को बीते दस साल में सरकार से वेतन के रुप में महज 75 लाख रुपये मिले हैं.


हालांकि उनका खर्च सवा दो करोड़ रुपये से अधिक है. आरोपी प्रदीप जैन के खिलाफ लोकायुक्त की टीम पिछले कई दिनों से उनकी आय से अधिक संपत्ति की गुप्त तरीके से जांच कर रही थी.


SE के घर से बरामद हुए ये चीजें
इससे पहले लोकायुक्त की टीम ने प्रदीप जैन के बंगले से 86 लाख रुपये के कीमती जेवर, 6 प्लॉट के दस्तावेज, 3 घर, उनकी फैमिली के सदस्यों के नाम पर 12 बैंक खाते और एक लॉकर में 65 लाख रुपये की इंवेंट्री मिली है. 


टीम ने इस कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की है. लोकायुक्त टीम के मुताबिक, उनके पास करीब 7 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं. इस मामले में जांच टीम आगे की कार्रवाई में जुटी है.


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