मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सख्त अंदाज में दिखाई दिए. उन्होंने कानून व्यवस्था की स्थिति पर आयोजित बैठक (Meeting on law and order situation) में अधिकारियों की क्लास ली. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को नशे के अवैध कारोबार को पूरी तरह से ध्वस्त करने की खुली छूट दी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ड्रग्स या अवैध शराब की बिक्री होने पर पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे. गलत काम करनेवालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने सख्ती दिखाते हुए कहा कि अगर गलती से भी अवैध शराब की बिक्री या ड्रग्स का व्यापार होता है तो उसके जिम्मेदार संबंधित जिलों के कप्तान होंगे. साथ ही मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश के अंदर कहीं भी हुक्का लांज चलाने की परमिशन नहीं मिलनी चाहिए.


सख्त अंदाज में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान


कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आयोजित बैठक में कलेक्टर, आईजी, एसपी और डीजीपी शामिल हुए थे. अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि करप्शन और सुरक्षा के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाया जाए. .जरूरत पड़ने पर ईओडब्ल्यू के छापे भी मारे जाएंगे. स्कूलों-कालेजों के आसपास की दुकानों पर ड्रग्स बेचे जाने की शिकायतें मिल रही हैं. ड्रग्स की बिक्री युवा पीढ़ी को बर्बाद करने का षड्यंत्र है.


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नशे का कारोबार रोकने के लिए की जाए सख्ती


नशे के अवैध कारोबार को रोकने के लिए सख्त एक्शन लेने की जरूरत है. इसके लिए खुफिया एजेंसियों का इस्तेमाल भी किया जाए. मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए चरणबद्ध रूप से अभियान चलाया जाएगा. अभियान में लापरवाही बरतनेवाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि इंदौर में मुझे शिकायत मिली है. किसी ने गलत काम किया है तो छोडूंगा नहीं. जरूरत पड़ने पर ईओडब्ल्यू के छापे भी पड़ेंगे.


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