MP: सूडान में फंसे बेटे की घर वापसी पर परिजन हुए भावक, भोपाल में फूल मालाओं से किया स्वागत
Operation Kaveri: सूडान में फंसे नागरिकों की मदद के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 0755-2555582 जारी किया है. सेना और अर्ध सैनिक बलों ने युद्ध को कुछ दिनों के लिए रोक दिया है.
Operation Kaveri News: अफ्रीकी देश सूडान में छिड़े गृह युद्ध के बीच बैरागढ़ निवासी जयंत केवलानी घर आ गए हैं. राजाभोज एयरपोर्ट पर उतरते ही जयंत ने सबसे पहले भोपाल की धरती को प्रणाम किया. एयरपोर्ट से बाहर आने के बाद जयंत को पिता ने गले लगा लिया. बेटे की सुरक्षित घर वापसी पर परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए. जयंत ने मीडिया को बताया कि बिजनेस के सिलसिले में अक्सर दुबई, सूडान सहित अन्य देशों की यात्रा होती है. डेढ़ महीने पहले सूडान आया था. मीटिंग अटैंड करने के बाद 20 अप्रैल को दुबई की फ्लाइट थी.
गृह युद्ध में फंसा सुरक्षित लौटा मध्य प्रदेश का लाल
दुबई जाने की तैयारी के बीच सूडान में जंग छिड़ गई. 15 अप्रैल की सुबह करीब दस बजे अचानक तेज सायरन बजा. चंद मिनट में तेज धमाके होने लगे. खिड़की से झांककर देखने पर आसमान में मिसाइलें उड़ रहीं थीं. धमाके लगातार हो रहे थे. अनहोनी की आशंका के कारण घर की खिड़की से बाहर झांकना बंद कर दिया. हर तरफ सेना और अर्ध सनिक बल हथियारों से लैस है. गृह युद्ध के बीच जयंत करीब 11 दिन तक सूडान में फंसे रहे. परिजनों ने भारत सरकार से बेटे की सकुशल वापसी की गुहार लगाई थी. ट्वीट के बाद भारत और मध्य प्रदेश की सरकार सक्रिय हुई. सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने की कवायद की. आखिरकार गुरुवार को जयंत घर पहुंच गए. राजाभोज एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर पिता नरेन्द्र केवलानी ने बेटे को गले लगा लिया.
एयरपोर्ट से बाहर आने पर परिजनों ने किया स्वागत
परिजनों ने भी फूल मालाओं से जयंत का स्वागत किया. सूडान में फंसे नागरिकों की मदद के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 0755-2555582 जारी किया है. परिजन सूडान में फंसे मध्य प्रदेश वासियों की सूचना हेल्पलाइन नंबर पर दे सकते हैं. बता दें सूडान में सेना और अर्ध सैनिक बलों के बीच युद्ध कुछ दिनों के लिए रुक गया है. ईद के चलते सेना और अर्ध सैनिक बलों ने सीजफायर की घोषणा की थी. भारत सरकार सूडान में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट कर स्वदेश ला रही है. जयंत के कैंपस में 100 से ज्यादा लोग रहते हैं. भीषण संघर्ष की वजह से कैंपस के लोग सहमे हुए हैं. जयंत की बिल्डिंग के सामने मिलिट्री कैंप है. बिल्डिंग में गोलियां फंसी हुई हैं. जयंत ने बताया कि भारतीय दूतावास के अधिकारियों का परिवार भी संघर्ष में फंस गया है.