MP News: रामलला की नगरी अयोध्या में 14 टन की भव्य कांस्य की वीणा बनी है, जबकि राजधानी भोपाल में कबाड़ से 50 क्विंटल वजनी वीणा बनाई गई है. इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी वीणा है. बता दें कि इस वीणा को बनाने में 12 से 15 लाख रुपये का खर्च आया है, जबकि इसके निर्माण में 480 घंटे का समय लगा है. दरअसल, भोपाल में कबाड़ से जुगाड़ का यह पांचवां बड़ा प्रोजेक्ट है.


कबाड़ से कंचन थीम पर पवन देश पांडे और देवेन्द्र शाक्य की टीम ने इस वीणा को तैयार किया है. कबाड़ से बनी यह वीणा 28 फीट लंबी, 12 फीट ऊंची और 10 फीट चौड़ी है. गाड़ियों के स्क्रैप जैने, चैन, गियर, बैयरिंग और वायर आदि से मिलाकर इस पांच टन यानी 50 क्विंटल वीणा को तैयार किया गया है. इस वीणा को राजधानी भोपाल में ऐसी जगह इंस्टॉल किया जा रहा है जहां लोग सेल्फी ले सकें. 


प्रतिदिन किया आठ घंटे काम
पवन देशपांडे और देवेंद्र शाक्य के मुताबिक इस वीणा को बनाने में उनकी टीम के दस कलाकार साथ काम कर रहे थे. जिनमें सैयद फारुख, शानिली देशपांडे, गुलफाम कुरैशी, गजेन्द्र शाक्य, संतोष मुआसी, फैजान अंसारी, फरहान कुरैशी और अरविंद पिछले छह महीने से जुटे थे. जहां चार महीने तक केवल सामग्री जुटाई गई, तो वहीं इसके निर्माण की शुरुआत बीते दो महीने पहले की गई थी. साठ दिन में हर रोज लगभग आठ घंटे इस वीणा के निर्माण के लिए काम किया गया. पवन देशपांडे और देवेंद्र शाक्य के अनुसार उनका और उनकी टीम का यह पांचवा प्रोजेक्ट है. इससे पहले भी उनकी टीम कबाड़ से रेडियो, गिटार, रोजा भोज और कोरोना वैक्सीन बना चुकी है. यह सामग्री शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थापित है. अब उनकी टीम द्वारा भोपाल का यह पांचवां सबसे बड़ा प्रोजेक्ट वीणा के रूप में तैयार किया है. 


50 क्विंटल लोहे से हुआ तैयार
इस वीणा को तैयार करने के लिए 50 क्विंटल लोहा लगा. जिनमें कबाड़ से चैन, गियर बॉक्स, बैयरिंग, वायर, लोहे की बड़ी चैन सहित अन्य सामान, जबकि वीणा को खूबसूरती देने के लिए लगभग 20 लीटर कलर का उपयोग किया गया है. बता दें कि अयोध्या में बनी कांस्य की वीणा में लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च करने की बात सामने आई है, जबकि भोपाल बनी इस वीणा में 15 लाख रुपए खर्च आया है.


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