सतपुड़ा के घने जंगलों में अब एक-एक पक्षियों की पहचान (Birds Recognition) कर उसका ब्यौरा तैयार किया जाएगा. पक्षियों की पहचान की ये क्रिया 10 फरवरी से 12 फरवरी तक चलेगी. पक्षियों की पहचान के लिए देशभर के 120 विशेषज्ञ सतपुड़ा के जंगल पहुंचेंगे. इन विशेषज्ञों के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve) के जंगलों में ही विशेषज्ञों के ठहरने का इंतजाम किया गया है. इनके ठहरने के लिए बाकायदा कैंप बनाए गए हैं.
एसटीआर प्रबंधन के अनुसार पक्षियों की पहचान के बाद विशेषज्ञों एक डाटा तैयार करेंगे. इसमें इस बात की पूरी जानकारी होगी कि जंगल में कितने प्रजाति के पक्षी मिले हैं, इसकी जानकारी दर्ज होगी. इसके साथ ही दुर्लभ पक्षियों की सूची भी तैयार की जाएगी. इसके बाद इस डाटा को ई-बर्ड वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. बता दें कि एसटीआर में कितनी प्रजाति के पक्षी निवास करते हैं, इसकी जानकारी जुटाने के लिए यह सर्वे किया जा रहा है. इस सर्वे में विशेषज्ञों के साथ एसटीआर के अधिकारी और कर्मचारी भी साथ रहेंगे.
फिलहाल 339 प्रजाति के पक्षी का है डाटा
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन के मुताबिक बीते साल किए गए सर्वे में एसटीआर में 339 प्रजाति के पक्षी चिन्हित किए गए थे, इसकी जानकारी भी विभाग ने अपलोड की थी. बता दें कि एसटीआर में हर साल देशभर के विशेषज्ञ यहां आकर पक्षियों की पहचान करते हैं.
विशेषज्ञों के रुकने के लिए ऐसा हैं इंतजाम
सोहागपुर एसडीओ संदेश महेश्वरी ने बताया कि एसटीआर में देशभर के 120 विशेषज्ञ पक्षियों की पहचान करने आ रहे हैं. यह सर्वे 10 से 12 फरवरी तक चलेगा. विशेषज्ञों के ठहरने के लिए एसटीआर में 40 कैंप बनाए गए हैं, जिनमें विशेषज्ञ ठहरेंगे. इन कैंपों के लिए गश्ती चौकी, वॉच टॉवर आदि जगह पर कैंप बनाए गए हैं. इन्हीं कैंपों में विशेषज्ञों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था भी की जाएगी.
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