इंदौर:इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) की तैयारी में सभी दल जुट गए हैं. विधानसभा चुनाव का टिकट पाने के लिए नेताओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.ऐसी ही तैयारियों में जुटे हुए हैं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya). वो अपने लिए नहीं बल्कि अपने विधायक बेटे आकाश कैलाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) को फिर से टिकट दिलाने की कोशिश कर रहे हैं. आकाश इंदौर की विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-3 से विधायक हैं. 


कैलाश विजयवर्गीय का राजनीतिक सफर


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले कैलाश विजयवर्गीय ने राजनीति की शुरुआत में ही इंदौर के महापौर बने थे. वो  1990 से लगातार छह बार मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचे. उन्होंने 1990 में पहली बार इंदौर विधानसभा क्रमांक -4 से चुनव लड़ा और जीते. बीजेपी ने 1993 कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा क्रमांक-2 से उम्मीदवार बनाया.कैलाश विजयवर्गीय इस सीट से लगातार तीन बार विधायक चुने गए. साल 2008 में उन्होंने इंदौर की महू विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाई.यहां से भी वो लगातार दो बार जीते. लेकिन साल 2018 में उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा.इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-3 की तत्कालीन विधायक उषा ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी ने कैलाश विजयवर्गीय की महू विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया. वहीं इंदौर क्षेत्र क्रमांक 3 से कैलाश विजवर्गीय अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट दिलवाने में कामयाब हो गए. आकाश चुनाव जीत भी गए.


आकाश विजयवर्गीय और बल्लाकांड


आकाश विजयवर्गीय 2019 में उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्होंने इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी की बल्ले से पिटाई कर दी थी.इस मामले में आकाश विजयवर्गीय को जेल भी जाना पड़ा था.हालांकि बाद में वो इस मामले में बरी हो गए.लेकिन उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बगैर नाम लिए कहा था,''किसी का भी बेटा हो,अनुशासन तोड़ने वालों को पार्टी से निकाल देना चाहिए.तब कई लोगों ने यह संकेत दिए थे कि यह नसीहत आकाश विजयवर्गीय के लिए है.''


सूत्रों के मुताबिक इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-3 से आकाश विजयवर्गीय के अलावा बीजेपी के पूर्व संगठन मंत्री जयपाल सिंह चावड़ा भी दावेदारी कर रहे हैं. वो मूल रूप से देवास के रहने वाले हैं. लेकिन पिछले दिनों इंदौर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद वह इंदौर में सक्रिय हैं. 


कांग्रेस में कितने दावेदार


इस सीट से कांग्रेस के टिकट के लिए पूर्व विधायक अश्विन जोशी दावेदार हैं. वो इस सीट से 1998,2003,2008 में लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं. कांग्रेस ने 2013 में जोशी को उम्मीदवार बनाया था.लेकिन उन्हें बीजेपी की उषा ठाकुर से हरा दिया था. वहीं 2018 में उन्हें आकाश विजयवर्गीय ने हराया था. जोशी के अलावा कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे और युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दीपक उर्फ पिंटू जोशी भी दावेदार हैं. पिंटू जोशी ने 2018 में भी कांग्रेस के टिकट की दावेदारी की थी. लेकिन आलाकमान ने अश्विन जोशी पर भरोसा जताया था. इस बार एक बार फिर दीपक उर्फ पिंटू जोशी पूरी ताकत से मैदान में जुटे हुए हैं.


क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक


वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र सिंह यादव कहते हैं कि इंदौर की विधानसभा-तीन गंगा-जमुना तहजीब के मिजाज वाली राजभूमि है.वो कहते हैं कि अपने अपरिपक्व तेवरों के बावजूद पिता के अनुभव और चुनाव प्रबंधन की छांव में आकाश विजयवर्गीय 2018 में 53 सौ से कम वोटों से चुनाव जीते थे. लेकिन आज आकाश की राह में सबसे बड़ा रोड़ा यही है कि बल्लाकांड की वजह से उन्हें टिकट मिल पाता है या नहीं. वो कहते हैं कि यदि उन्हें टिकट मिल भी गया तो उनका संभावित मुकाबला महेश जोशी की दूसरी पीढ़ी के पिंटू जोशी से हो सकता है. पिंटू इसी क्षेत्र में पले-बढ़े हैं. उनका सौम्य स्वभाव और युवाओं में लोकप्रियता उन्हें मजबूत प्रतिद्वंदी बनाता है. वहीं आकाश को बीजेपी के पूर्व विधायक और कद्दावर नेता की बगावत का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. 


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