Bhopal News: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023)में बीजेपी (BJP) अपने कुछ सांसदों को भी उतार सकती है. बीजेपी इस बात का पता लगा रही है कि सांसदों को उतारने से जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन से जुड़े क्या फायदे हो सकते हैं.बीजेपी इस कवायद के जरिए मुख्यतौर पर जातीय संतुलन और जीत की संभावना को बढ़ाने की कोशिश ही कर रही है.


अपने किन सांसदों पर है बीजेपी की नजर


इस बार के चुनाव में गणेश सिंह, राव उदयप्रताप, अनिल फिरोजिया, रमाकांत भार्गव, रोडमल नागर, रीति पाठक, केपी यादव, दुर्गादास उइके, गजेंद्र सिंह पटेल और जीएस डामोर जैसे सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारे जाने की चर्चा हैं. ये नेता एक से तीन बार तक के सांसद हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो कुछ सांसदों ने खुद ये इच्छा जाहिर की है. अभी हार-जीत की संभावनाएं खोज रही है. पार्टी अंदरूनी तौर पर सांसदों की छवि और उनके प्रभाव वाले इलाकों में पकड़ को लेकर भी रिपोर्ट तैयार करा रही है.


गुना के सांसद केपी यादव ने 2019 के चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया था.बाद में सिंधिया बगावत कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. वो इस समय केंद्र सरकार में मंत्री हैं. ऐसे में संभावना इस बात की है कि बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2024 में गुना से ही मौका दे. इसलिए लिए गुना के बीजेपी सांसद केपी यादव को विधानसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है. एक वजह यह भी है कि बीजेपी नेता राव देशराज सिंह के बेटे यादवेंद्र ने हाल ही में कांग्रेस का दामन थाम लिया है. ऐसे में यादव वर्ग में संतुलन बनाना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है.


जातीय संतुलन बिठाने की कोशिश


बीजेपी के बास विधानसभा में डॉ. गिरीश गौतम, राजेंद्र शुक्ला, शरदेंदु तिवारी, केदारनाथ शुक्ला बड़े ब्राह्मण चेहरे हैं. अगर रीति पाठक भी विधानसभा पहुंचती हैं तो पार्टी को और मजबूती मिलेगी. वहीं सतना के सांसद गणेश सिंह का सतना-रीवा और सीधी के कुछ हिस्सों में कुर्मी समाज का खासा दखल है. इसका बीजेपी को विधानसभा में लाभ मिल सकता है,क्योंकि उसके पास कोई बड़ा कुर्मी चेहरा नहीं है. जबकि कांग्रेस में पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल जैसे कुर्मी चेहरे हैं. गणेश सिंह इनको चुनौती दे सकते हैं. 


बीजेपी भिंड की सांसद संध्या राय, ग्वालियर के विवेक नारायण शेजवलकर, सागर के राजबहादुर सिंह, रीवा के जनार्दन मिश्रा,विदिशा के रमाकांत भार्गव,भोपाल की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर,राजगढ़ के रोडमल नागर, खरगोन के गजेंद्र सिंह पटेल और इंदौर के शंकर लालवानी को भी विधानसभा चुनाव लड़वाने की संभावना तलाश रही है. 


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