MP Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने 195 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. इनमें मध्य प्रदेश की भी 29 लोकसभा सीटों में से 24 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं. बीजेपी ने विदिशा संसदीय सीट से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Sinvraj Singh Chouhan) को उम्मीदवार बनाया है. पूर्व सीएम शिवराज के उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे राजनीति के जानकारों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि लाड़ली बहनों को साधने के लिए बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को विदिशा से टिकट दिया है. 


दरअसल हाल ही में सपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर 163 सीटें मिली थी. इसके बावजूद शिवराज सिंह चौहान सीएम नहीं बन सके. शिवराज सिंह चौहान को सीएम नहीं बनाए जाने की वजह से लाड़ली बहनों में खुशी का अभाव देखा जा रहा था. यही कारण है कि बीजेपी ने प्रदेश की 2 करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों को साधने के लिए शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया गया है. 


रमाकांत भार्गव का कटा टिकट
बता दें वर्तमान में विदिशा लोकसभा सीट से शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी रमाकांत भार्गव सांसद हैं. रमाकांत भार्गव भी शिवराज सिंह चौहान के गृह ग्राम जैत के पास ही के शाहगंज निवासी हैं. वर्ष 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने रमाकांत भार्गव को उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में रमाकांत भार्गव ने पांच लाख से अधिक वोटों से बड़ी दर्ज की थी. रमाकांत भार्गव की यह जीत प्रदेश की तीसरी बड़ी जीत थी. बावजूद आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने रमाकांत भार्गव का टिकट काटकर शिवराज सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है. 


अटल बिहारी के उत्तराधिकारी बने थे शिवराज
बता दें शिवराज सिंह चौहान इससे पहले विदिशा संसदीय सीट से पांच बार निर्वाचित हो चुके हैं. साल 1991 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी यहां से चुनाव जीते थे. हालांकि, वे लखनऊ से भी चुनाव लड़े थे और बाद में उन्होंने विदिशा सीट छोड़ दी थी. अटल बिहारी ने इस सीट से शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे बढ़ाया था. शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर यहां से चुनाव लड़े और जीते. इसके बाद वह लगातार चार बार यहां से सांसद बने. 


विदिशा संसदीय सीट में आठ विधानसभा
विदिशा संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा आती हैं, जिनमें भोजपुर, सांची, सिलवानी, विदिशा, बासोदा, बुदनी, इछावर और खातेगांव सीट शामिल है. खास बात यह है कि शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला सीहोर है, लेकिन विदिशा से भी उनका खास लगाव है. विदिशा संसदीय सीट बीजेपी का गढ़ है. वर्ष 1989 से इस सीट पर बीजेपी लगातार जीत दर्ज करती आ रही है. वर्ष 1989 में फिर राघवजी चुनाव जीते. जबकि 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी ने विदिशा और लखनऊ से चुनाव लड़ा और दोनों ही सीटों पर चुनाव जीत दर्ज की. 


इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने विदिशा सीट छोड़ दी. 1991 में ही शिवराज सिंह चौहान ने यहां चुनाव लड़े और जीते. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान विदिशा संसदीय सीट से 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी यहां से चुनाव लड़े और जीते. वर्ष 2006 में रामपाल सिंह यहां से सांसद बने. 2009 और 2014 में सुषमा स्वराज ने यहां से चुनाव जीतीं. सुषमा स्वराज केन्द्र में मंत्री बनीं. वर्तमान में बीजेपी से रमाकांत भार्गव विदिशा संसदीय सीट से सांसद हैं, जबकि आगामी चुनाव के लिए बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को प्रत्याशी बना दिया है.



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