Lok Sabha Election: शिवराज सिंह और सिंधिया को BJP ने दिया लोकसभा टिकट तो उमा भारती बोलीं, 'सत्ता का संतुलन...'
MP BJP Candidate List 2024: एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने विदिशा से शिवराज सिंह चौहान और गुना लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट मिलने पर बधाई दी है.
MP Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने 2 मार्च को पहली लिस्ट में 195 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. मध्य प्रदेश की 29 में से 24 सीटों के लिए भी उम्मीदवारों के नाम का एलान किया गया है. बीजेपी ने विदिशा (Vidisha) से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और गुना (Guna) लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को चुनावी मैदान में उतारा है. अब इन दोनों नेताओं को एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती (Uma Bharti) ने बधाई दी है.
एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पूर्व सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट मिलने की बधाई दी है. उमा भारती ने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर ट्वीट कर कहा कि 'ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, शिवराज सिंह चौहान जी अपनी परंपरागत सीटों पर लौटे, दोनों को प्रचंड जीत की हार्दिक शुभकामनाएं. मध्य प्रदेश भाजपा, संगठन और सत्ता के संतुलन का अनुपम उदाहरण है.'
ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, शिवराज सिंह चौहान जी अपनी परंपरागत सीटों पर लौटे, दोनों को प्रचंड जीत की हार्दिक शुभकामनाएं। मध्य प्रदेश भाजपा, संगठन एवं सत्ता के संतुलन का अनुपम उदाहरण है। @BJP4India @BJP4MP @JM_Scindia @ChouhanShivraj
— Uma Bharti (@umasribharti) March 3, 2024
1991 में पहली बार मिली थी विदिशा सीट
बता दें शिवराज सिंह चौहान पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी के विदिशा सीट छोड़ने पर 10वीं लोकसभा के लिए (1991) में, 11वीं लोकसभा (1996) में शिवराज विदिशा से दोबारा सांसद चुने गए. 12वीं लोकसभा के लिए 1998 में विदिशा क्षेत्र से ही वह तीसरी बार, 1999 में 13वीं लोकसभा के लिए चौथी बार और 15वीं लोकसभा के लिए विदिशा से ही पांचवी बार सांसद चुने गए.
पहली बार बीजेपी के सिंबल पर लड़ेंगे चुनाव
ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया साल 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे. वह गुना सीट पर बीजेपी उम्मीदवार कृष्णपाल सिंह यादव से हार गए थे. तब सिंधिया को 4,86,105 वोट मिले थे और वह लगभग 1.25 लाख वोटों के अंतर से मुकाबला हार गए थे. गुना लोकसभा सीट 1957 से ही सिंधिया परिवार का गढ़ मानी जाती है.