MP BJP Core Committee Meeting: मध्य प्रदेश में आगामी नवंबर दिसंबर में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) संपन्न होने जा रहे हैं. इससे पहले बीजेपी (BJP) की कोर कमेटी की बैठक मंगलवार को राजधानी भोपाल (Bhopal) में आयोजित की गई. इसमें आगामी चुनाव की रणनीति को लेकर मंथन किया गया. लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात कर्नाटक (Karnataka) में देखी गई बगावत से मध्य प्रदेश के अंदर भी सीनियर नेताओं के मन में चिंता के बादल मंडराने लगे हैं. इंटेलिजेंस की रिपोर्ट ने भी बीजेपी संगठन मध्य प्रदेश को तनाव में ला दिया है.


कांग्रेस और आप के संपर्क में हैं कई नेता
सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश बीजेपी के कई पूर्व मंत्री, विधायक और सीनियर नेता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संपर्क में बताए जा रहे हैं. इसके चलते आने वाले समय में बीजेपी के अंदर फूट की स्थिति पैदा हो सकती है. संघ और सर्वे की रिपोर्टों ने संगठन को चेतावनी दे दी है कि यदि समय रहते कोई निर्णय नहीं लिया गया तो पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.


बैठक में ये रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंदीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, कविता पाटीदार, डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा, जय भान सिंह पवैया, हरिशंकर खटीक, लाल सिंह आर्य, भूपेंद्र सिंह, शरदिंदु तिवारी, रणवीर रावत और राजेंद्र शुक्ला उपस्थित रहे.


कर सकते हैं बगावत का रूख 
सूत्र बताते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के बीजेपी में आ जाने से ग्वालियर ओर चंबल सहित मालवा क्षेत्र में पार्टी के कई कद्दावर नेताओं को अविश्वास हो रहा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों के बीजेपी में आने के बाद चुनाव जीतने से कई बड़े नेताओं को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है.


इसके चलते कई पूर्व विधायक और नेता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संपर्क में बताए जा रहे हैं. यदि मन मुताबिक सम्मान पार्टी अपने वरिष्ठ जनों को नहीं दे पाई तो वे फिर बगावत का रुख अपना सकते हैं.


पार्टी से नाराज चल रहे हैं कई नेता
बीजेपी के वरिष्ठ नेता तथा संगठन और सत्ता के चेहरे रहे कई नेता जैसे जयंत मलैया, डॉ गौरीशंकर शेजवार, रामकृष्ण कुसमरिया,दीपक जोशी, गौरीशंकर बिसेन आदि पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं. कई नेता अपनी उपेक्षा से नाराज हैं, तो कई पार्टी द्वारा उचित सम्मान न दिए जाने के कारण नाराज बताए जा रहे हैं. इन सभी नेताओं का अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ जनता में अच्छा खासा वर्चस्व है. यदि इन्हे समय पर साधा नहीं गया तो यह बीजेपी के लिए मुसीबत का कारण बन सकते हैं.


उठाना पड़ सकता है खामियाजा
इनके अलावा कई ऐसे नेता भी हैं, जिनकी अगली पीढ़ी राजनीति की दिशा में उतरने को तैयार है. लेकिन, पार्टी द्वारा दिखाए जा रहे नए नए नियमों के चलते वह सभी कुछ भी कदम उठा सकते हैं. इस कारण खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है. क्योंकि बीजेपी काडर बेस पार्टी है. इसके चलते कार्यकर्ताओं और नेताओं का सामंजस्य चुनाव में महत्वपूर्ण हो जाता है.


अब देखने वाली बात यह होगी कि बीजेपी का केंद्रीय और राज्य संगठन किस प्रकार से इंटेलिजेंस की इस रिपोर्ट को फॉलो करता है. इस संबंध में जब मीडिया ने मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से चर्चा की, तो उन्होंने कहा कि पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई. नाराजगी का कोई विषय नहीं है. बीजेपी एक परिवार है, जिसके सभी सदस्य मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हम सब मिलकर बीजेपी की सरकार बनाने जा रहे हैं.


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