MP Politics: मध्य प्रदेश में डबल इंजन फॉर्मूले पर वापस लौटेगी बीजेपी! शिवराज के आगे होगा मोदी का चेहरा
मध्यप्रदेश में पीएम मोदी एक महीने के अंदर दूसरा दौरा करने वाले है, जिसे राजनीतिक जानकार अब विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की नई रणनीति मान रहे है.
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Madhya Pradesh News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महीने के भीतर दूसरी बार मध्यप्रदेश आ रहे हैं. चुनावी रैलियों को छोड़ दिया जाए तो अमूमन ऐसा कम ही होता है, जब प्रधानमंत्री मोदी किसी एक राज्य का एक माह के भीतर दूसरी बार दौरा करें. 24 अप्रैल को रीवा में प्रधानमंत्री मोदी पीएम आवास योजना के हितग्राहियों को उनके घर की चाबी सौंपने वाले हैं. ऊपर से देखने में तो यह गैर राजनीतिक कार्यक्रम समझ में आता है लेकिन वास्तविकता कुछ और संकेत दे रही है. राजनीतिक जानकार प्रधानमंत्री के इस दौरे को आने वाले विधानसभा चुनाव के हिसाब से बीजेपी की नई रणनीति मान रहे है.
‘पार्टी के कार्यकर्ताओं में बढ़ती नाराजगी’
अभी तक तो लग रहा था कि भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान चेहरे पर ही अगले विधानसभा चुनाव में जाने वाली है लेकिन पिछले कुछ दिनों में जमीनी स्तर पर मिले फीडबैक में पार्टी के तोते उड़ा दिए है. सरकार के अंदर और बाहर के सर्वे ने पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति पर दोबारा विचार करने को मजबूर कर दिया है. राजधानी भोपाल में पार्टी को भले ही सब कुछ फीलगुड लग रहा है लेकिन वास्तविकता में निचले लेवल पर सरकार एवं संगठन के खिलाफ निगेटिव माहौल है. कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी पार्टी संभाल नहीं पा रही है. बीजेपी की पिछले 15 दिनों में हुई तमाम बैठकों में इस नेगेटिव फीडबैक पर खुलकर चर्चा हुई. पिछले महीने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी भोपाल बैठक में पार्टी और सरकार में समन्वय की कमी पर जमकर नाराजगी दिखाई थी. पार्टी के 14 दिग्गज नेताओं की रिपोर्ट और कोर ग्रुप की घंटों चली क्लोज डोर मीटिंग के बाद बीजेपी को अब अपना एक ही तारणहार नजर आ रहा है.
कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का होगा संचार
बीजेपी से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अब चुनाव में जीत के लिए नए प्लान पर काम शुरू किया गया है. इसके पहले पार्टी जो भी मुद्दा लेकर आती थी, उससे कोई खास फायदा होता नहीं दिख रहा है. इसी के चलते अब सीएम शिवराज सिंह चौहान के चेहरे के ऊपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा आगे किया रहा है. अब डबल इंजन की सरकार और मोदी शिवराज की जोड़ी को आगे करके चुनावी वैतरणी पार कराने की प्लानिंग की गई है. पीएम मोदी का रीवा दौरा इस दिशा में बड़ा संकेत है. कि वो यहां के बड़े सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इस सम्मेलन को कार्यकर्ता महाकुंभ में तब्दील करने की तैयारी की गई है. कहा जा रहा है कि मोदी मंच से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा फूंकने का काम करेंगे. वैसे इस महाकुंभ का मिशन सिर्फ कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना ही नहीं होगा. इस वक्त विंध्य क्षेत्र भी बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है. यहां साल 2018 में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल की थी. विंध्य की 30 में से 24 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. किन्तु अब इलाके में बीजेपी की हालत खस्ता लग रही है. रीवा में पीएम मोदी की सभा विंध्य को वापस अपने खेमे में लाने का बीजेपी के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
तैयार की जा रही है रणनीति
राज्य में जमीनी हालात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के साथ कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी अलग-अलग रिपोर्ट बनाई है. कार्यकर्ताओं की नाराजगी पार्टी के लिए सबसे बड़ा सर दर्द बनी हुई है. आरएसएस को भी फीडबैक मिला है कि शिवराज सरकार सिर्फ अधिकारियों के भरोसे चल रही है. आरएसएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हालात ये है कि कार्यकर्ता की विधायक नहीं सुनते, विधायक की मंत्री नहीं सुनते और मंत्रियों की अधिकारी नहीं सुनते.14 दिग्गज नेताओं ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश को सौंप दी है, जिसके आधार पर रणनीति तैयार हो रही है.
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