Madhya Pradesh Chief Minister: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर किसकी ताशपोशी होगी? इसका फैसला सोमवार शाम तक हो जाएगा, मगर इस ताजपोशी के पहले पहली बार विधायक चुनकर आए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेताओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. बीजेपी विधायक अपनी पसंद तो मीडिया के सामने नहीं बता रहे हैं, लेकिन उनका इतना जरूर कहना है कि जिसे पार्टी मुख्यमंत्री बनाएगी, उन्हें सभी बीजेपी विधायकों का सहयोग मिलेगा.
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने नई रणनीति के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा और कई पुराने नेताओं के टिकट काटकर नए चेहरों को मैदान में उतारा. बीजेपी की रणनीति सफल साबित भी हुई. इस बार 230 में से 163 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल कर कांग्रेस को पूरी तरह मायूस कर दिया. अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस विधायकों की भी नजर है. इस बार बीजेपी मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बड़ा निर्णय करने जा रही है. इस निर्णय को लेकर विधायकों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि वे मीडिया के सामने अपनी कोई बात न रखें.
पहली बार विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल जैन के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी में जिसे पार्टी तय करती है, वह सर्वमान्य रूप से कार्य करता है. इसी तरह नागदा-खाचरोद विधानसभा सीट से दिग्गज कांग्रेस नेता दिलीप सिंह गुर्जर को हराकर पहली बार विधायक बने तेज बहादुर सिंह चौहान का कहना है कि वे अपनी ओर से कोई बात नहीं रखेंगे. भारतीय जनता पार्टी जो तय करेगी, वहीं मंजूर होगा. वे बीजेपी के कार्यकर्ता हैं और पार्टी का आदेश सर्वमान्य रहेगा.
वरिष्ठ विधायकों ने भी साध रखी है चुप्पी
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायकों ने भी मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चुप्पी साध रखी है. पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक मोहन यादव का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होती है. यहां पर पार्टी के आदेश पर कार्यकर्ता और नेता कार्य करते हैं. जिसे भी पार्टी दायित्व देगी, वह नेता सफलतापूर्वक जनहित में कार्य करेगा. व्यक्तिगत रूप से भी बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अपना मत देने को तैयार नहीं हैं.
मिशन 29 पर काम करेगा अगला मुख्यमंत्री
भारतीय जनता पार्टी में सोमवार को विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री का चेहरा स्पष्ट हो जाएगा. लोकसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी ऐसे नेता को सौंपी जाएगी जो मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीट जीतकर बीजेपी की झोली में डाल दे. यही वजह है कि इस बार मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर काफी मंथन किया जा रहा है.