Indore News: बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय का दावा, पीएम नरेंद्र मोदी के आने से निखर रही है भारतीय सभ्यता और संस्कृति
MP News: बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इतिहास में जिस तरीके से भारतीय सभ्यता संस्कृति को दबाया गया है, वह अपने आप निखर रही है. नरेंद्र मोदी जी के आने के बाद लोगों को यह पता चल रहा है.
इंदौर: बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सत्ता में आने के बाद भारतीय सभ्यता और संस्कृति निखर रही है. उन्होंने कहा कि मुगलों ने हमारे आत्मसम्मान पर ठेस पहुंचाने के लिए हमारे श्रद्धा के केंद्रों पर हमला किया था. ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid) मामले में उन्होंने कहा कि जिस तरह के सबूत वहां से मिल रहे हैं, उसे देखते हुए दूसरे पक्ष को यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि वह मंदिर था. नगरीय निकाय चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि इंदौर में 20 दावेदार से अधिक दावेदार हैं.
नगर निगम चुनाव में कितने दावेदार हैं
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में आयोजित एक रात्रि क्रिकेट टूर्नामेंट में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मिडिया से बात की. नगर निकाय चुनाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए बहुत सरल है. हमने काम किया है. हमारा काम पूरे प्रदेश में बोलता है. लोग चाहते हैं कि बीजेपी फिर से चुनाव जीत कर आए. इंदौर में आकाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला के महापौर पद के दावेदार होने पर बोले कि आप कम आंक रहे हैं इंदौर में 20 से अधिक दावेदार हैं.
ज्ञानवापी पर क्या बोले कैलाश विजयवर्गीय
मध्य प्रदेश में मंदिरों को खोलने को लेकर मुहिम चलाई जा रही है. इसी के तहत धार भोजशाला के लिए याचिका कोर्ट में लगाई गई है. कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने बोलियां छत्री में शिव मंदिर को खोले जाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए ऐसा है कि हमें इतिहास के पन्नों को सुधारना पड़ेगा. इतिहास में जिस तरीके से भारतीय सभ्यता संस्कृति को दबाया गया है, वह अपने आप निखर रही है. मोदी जी के आने के बाद लोगों को पता चल रहा है. आज वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वह सारे दस्तावेज मिले हैं, जो शिव मंदिर में होने चाहिए. उन्होंने कहा कि मुगलों ने आकर यही किया था. उन्होंने हमारे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए हमारे श्रद्धा के केंद्रों पर हमला किया था. यह उसका जीता जागता उदाहरण है. इसलिए मैं समझता हूं कि दूसरे पक्ष के लोगों को खुद बोल देना चाहिए कि हां इतिहास में यह मंदिर था. जिनका मंदिर है, उन्हें मंदिर मिलना चाहिए.
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