MP BJP News: मध्य प्रदेश बीजेपी के मीडिया विभाग में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है. यही वजह है कि सबसे पहले प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पराशर की छुट्टी की गई. लोकेंद्र पराशर के बारे में कहा जा रहा है कि वे विधायक बनने की चाह रखते हैं, इसलिए पार्टी में उन्हें मीडिया प्रभारी के दायित्व से मुक्त करके प्रदेश मंत्री बना दिया गया है. अब चर्चा है कि जल्द ही प्रदेश सह मीडिया प्रभारी, प्रवक्ताओं और पैनलिस्ट के साथ संभाग और जिला स्तर पर भी मीडिया विभाग में फेरबदल हो सकता है. पार्टी को चुनावी साल में चुस्त और दुरुस्त मीडिया टीम की दरकार है.
राजनीतिक जानकार कहते हैं कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की ओर से विधानसभा टिकट चाहने वाले दावेदारों की संख्या बहुत ज्यादा है. पार्टी का मीडिया विभाग भी इससे अछूता नहीं है. उससे जुड़े बहुत से नेता विधानसभा में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं. इसमें सबसे ऊपर प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का नाम था, जिन्हें हाल ही में इस पद से मुक्त कर दिया गया. लोकेंद्र पाराशर ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र की भितरवार सीट से पार्टी का टिकट मांग रहे हैं. इस इलाके में उन्होंने काफी सक्रियता भी दिखाई है.
लोकेंद्र पाराशर को मिल सकती हैं कई जिम्मेदारियां
ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली कहते हैं कि भितरवार सीट बीजेपी के लिए काफी कठिन है. यहां से दो बार अटल बिहारी वाजपेई के भतीजे अनूप मिश्रा को हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी की तरफ से इस सीट पर लोकेंद्र पाराशर नया चेहरा हो सकते हैं, लेकिन एक सवाल तब भी खड़ा होता है अगर उन्हें चुनाव लड़ाना है तो फिर प्रदेश मंत्री का दायित्व क्यों दिया गया? क्योंकि प्रदेश मंत्री होने के नाते भी लोकेंद्र पाराशर को चुनाव के समय कई जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं.
वहीं, भोपाल में मीडिया से जुड़े लोगों का कहना है कि लोकेंद्र पाराशर को उनकी मूल जिम्मेदारी वाले पद यानी प्रदेश मीडिया प्रभारी के दायित्व से निष्क्रियता के कारण हटाया गया है. उनकी जगह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से नजदीकी रखने वाले आशीष अग्रवाल को प्रदेश मीडिया प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है.
मीडिया विभाग को दुरुस्त रखना चाहती है बीजेपी
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चुनावी साल में बीजेपी अपने मीडिया विभाग को चुस्त दुरुस्त करना चाहती है. कहा जा रहा है कि लोकेंद्र पाराशर की छुट्टी के बाद बीजेपी में प्रवक्ताओं को बदलने की तैयारी भी कर ली गई है. बीजेपी में प्रदेश मीडिया प्रभारी बदलने के बाद जल्द ही ऐसे सह मीडिया प्रभारी प्रवक्ताओं और पैनलिस्ट में भी फेरबदल की तैयारी है, जो अपनी निजी व्यस्तताओं या एक से अधिक जिम्मेदारियों के कारण प्रदेश स्तर पर पार्टी को वक्त नहीं दे पा रहे हैं. इनमें ज्यादातर ऐसे नेता हैं, जो चुनाव लड़ना चाहते हैं और अपने इलाके में सर्वाधिक समय दे रहे हैं या नई जिम्मेदारी के कारण प्रवक्ता के रूप में फिट नहीं बैठ पा रहे हैं.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से संगठन को शिकायत मिल रही थी कि कई प्रवक्ता पार्टी मुख्यालय आगे ही नहीं हैं. इसलिए जल्द ही बैठक बुलाई जा सकती है, जिसमें सभी से पूछा जाएगा कि वे आगामी चुनावों को देखते हुए प्रदेश मुख्यालय और मीडिया को फुलटाइम वक्त दे सकते हैं या नहीं. पार्टी विधानसभा चनावों को देखते हुए एक गाइडलाइन भी बनाने जा रही है, जिसमें रोटेशन के आधार पर मीडिया सहप्रभारी और प्रवक्ताओं को कार्यालय में बैठने के दिन और वक्त तय किया जाएगा.
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