MP News: राजधानी भोपाल की हाई प्रोफाइल सीट से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट की जबलपुर पीठ ने सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ दायर चुनाव याचिका खारिज कर कर दी है.साध्वी प्रज्ञा ने यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को हराया था.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने अपने आदेश में कहा कि लगातार अवसर देने के बावजूद याचिकाकर्ता की ओर से कोई हाजिर नहीं हुआ, इसलिए अब याचिका को लंबित रखने का कोई औचित्य नहीं है. इस आधार पर याचिका खारिज कर दी गई.
2019 में दायर की गई थी याचिका
दरअसल,भोपाल निवासी राकेश दीक्षित की ओर से साल 2019 में दायर की गई चुनाव याचिका में बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के निर्वाचन को चुनौती दी गई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने चुनाव के दौरान साम्प्रदायिक भाषण दिए. याचिका में यह भी आरोप था कि उन्होंने वोट पाने के लिए धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दर्ज की थी जीत
याचिका में लगाए गए आरोपों की पुष्टि के लिए साध्वी के भाषण की सीडी तथा अखबारों में प्रकाशित खबरों की कटिंग भी प्रस्तुत की गई थी.याचिका में कहा गया कि यह कृत्य जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 का उल्लंघन है, इसलिए उनके निर्वाचन को शून्य घोषित किया जाए. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने जहां साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया था. वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में थे. प्रदेश की सबसे चर्चित इस सीट पर प्रज्ञा ठाकुर ने बड़ी जीत दर्ज की थी.
पिछली चार सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ. साध्वी प्रज्ञा की ओर से अधिवक्ता अर्पण पवार ने कोर्ट से निवेदन किया कि मामले को मेरिट पर सुनकर फैसला दें. उन्होंने दलील दी कि चुनाव याचिका गैरहाजिरी (वान्ट ऑफ प्रोसिक्यूशन) के आधार पर खारिज नहीं की जा सकती. हाई कोर्ट ने स्थापित कानून का हवाला देते हुए कहा कि अदालत को इसका अधिकार है.