MP Assembly Election 2023: साल 2018 के विधानसभा चुनावा में मिली शिकस्त से बीजेपी (BJP) ने सबक लिया है. पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए कोई कोर कसर छोडना नहीं चाहती. जमीनी तैयारियों के साथ अब बीजेपी ने योजनाओं की निगरानी के लिए नया प्लान बनाया है. नए प्लान के तहत प्रत्येक दस बूथों पर एक प्रभारी नियुक्त रहेगा. बीजेपी ने इसे शक्ति केंद्र का नाम दिया है. चुनावी साल में जनता की शिकायतें दूर करने और नजदीकी रिश्ते बनाने के लिए प्रदेश बीजेपी बूथ स्तर पर आयुष्मान, लाड़ली लक्ष्मी, उज्जवला, प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजनाओं की निगरानी करेगी. शक्ति केंद्र के माध्यम से देखा जाएगा कि मतदाताओं को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ कितना मिल रहा है.


बूथ प्रभारी करेंगे योजनाओं की निगरानी


योजनाओं की निगरानी के लिए प्रत्येक दस बूथों पर एक प्रभारी की तैनाती की जाएगी. नियुक्त प्रभारी मतदाताओं की नब्ज भी टटोलने का काम करेंगे. माना जा रहा है कि बीजेपी एक तरह से सर्वे करेगी. शक्ति केंद्र प्रभारी चर्चा कर मतदाताओं का रुझान पता करेंगे. रुझान पता करने के बाद रिपोर्ट नियमित रूप से राज्य सरकार को भेजी जाएगी. मकसद होगा कि समय रहते व्यवस्थाओं में सुधार किया जा सके.


गुजरात का फार्मूला प्रदेश में होगा लागू


बता दें कि गुजरात चुनाव में बीजेपी को जीत इसी फार्मूले पर मिली है. अब गुजरात के फार्मूले को मध्यप्रदेश में लागू किया जाना है. गुजरात में भी आठ से दस बूथों पर एक शक्ति केन्द्र बनाकर निगरानी की गई थी. माना जा रहा है कि इस फर्मूले ने उम्मीद से ज्यादा अच्छे परिणाम दिए हैं. इसलिए मध्यप्रदेश में भी लागू किया जा रहा है. प्रदेश में अभी तक मंडल स्तर पर जिम्मेदारी गई थी. मंडल स्तर के अधिकार अब बूथ प्रभारियों को रहेंगे.


MP Politics: चुनावी राज्य में गेम्स के सहारे सियासत! आज से BJYM शुरू करेगा 'खेलेगा मध्य प्रदेश अभियान'