MP News: मध्य प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा के आवेदकों से प्रशिक्षण के नाम पर लिए जा रहे शुल्क को शिक्षा मंत्री राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि यह राशि ​प्रदेश का शिक्षा विभाग आवेदकों से परीक्षा शुल्क के अतिरिक्त ले रहा है. यह राशि आवेदकों को वापस करायी जाएगी.  


कांग्रेस सरकार के नियम में कराएंगे बदलाव
उन्होंने कहा कि यह नियम वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार ने बनाया था. मंत्री ने कहा कि सरकार बेरोजगार लोगों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के पक्ष में नहीं है. सरकार का स्पष्ट मानना है कि नौकरी देने से पहले बेरोजगारों से परीक्षा शुल्क के अलावा कोई भी शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए. इसके लिए पुराने नियमों बदलाव किया जाएगा. इसके बाद प्रशिक्षण शुल्क दे चुके आवेदकों को वह राशि लौटा दी जाएगी. जानकारी हो कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के शिक्षक पात्रता परीक्षा में आरक्षित वर्ग के आवेदकों से 50 रुपये और सामान्य वर्ग के आवेदकों से 100 रुपये अतिरिक्त शुल्क स्कूल शिक्षा विभाग ले रहा है. प्रदेश में प्राथमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए अब तक 9.74 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा कर दिये हैं. स्कूली शिक्षा विभाग का कहना है कि इस राशि से अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा.


नौकरी कुछ को और शुल्क सबसे यह सही नहीं 
इस संबंध में छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में आवेदन तो लाखों अभ्यर्थी कर रहे हैं, लेकिन नौकरी कुछ को ही मिलनी है. अब जिस अभ्यर्थी को नौकरी मिलनी तय हो जाए तब तो उनसे शुल्क लेना ठीक है. लेकिन, सभी आवेदकों से शुल्क लेना कहीं से सही नहीं है. अभी तो परीक्षा भी नहीं हुई और प्रशिक्षण के लिए शुल्क किस बात का. अ​भ्यर्थियों ने सवाल उठाया कि जब प्रदेश में कांग्रेस के शासनकाल के सभी आदेश और नियमावली बदल दिए गए तो फिर इस नियम को क्यों नहीं बदला गया. 


अतिरिक्त शुल्क पर तुरंत रोक लगाए सरकार 
अभ्यर्थियों का कहना है कि बेरोजगार युवाओं के हित में भाजपा सरकार को तत्काल अतिरिक्त शुल्क पर रोक लगानी चाहिए. परीक्षा में सभी अभ्यर्थी तो सफल होते नहीं हैं. इसलिए सभी से यह शुल्क लेना उचित नहीं है. उनका कहना है कि जो पास हो जाएंगे और नियुक्ति की प्र​क्रिया में शामिल होंगे उनसे शुल्क लिया जाए. जानकारी हो कि प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2020 में करीब आठ लाख छात्रों ने आवेदन किया था. लेकिन, इसमें से करीब डेढ़ लाख आवेदक ही परीक्षा पास कर पाए. इतने ही अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं. साढ़े छह लाख अभ्यर्थियों से प्रशिक्षण के नाम पर अतिरिक्त शुल्क तो पिछली परीक्षा के दौरान ही वसूला जा चुका है.


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