MP Assembly Elections: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Elections) में अब महज छह महीने का समय ही शेष बचा है. हर बार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी (BJP) अपने संभावित प्रत्याशियों को सक्रिय हो जाने के लिए इशारा कर देती है, लेकिन इस बार बीजेपी के नेता मौन हैं और विधायक बनने का सपना देख रहे संभावित प्रत्याशियों को इशारे का इंतजार है ताकि वे फिल्ड में सक्रिय हो पाएं.


बीजेपी में विधायक का टिकट पाने के लिए नेताओं की भागदौड़ शुरू हो रही है. विधायक बनने का सपना संजो रहे बीजेपी नेता भोपाल से लेकर दिल्ली तक दौड़ लग रहे हैं और अपने नेताओं की मान मनौव्वल भी कर रहे हैं, बावजूद संगठन का कोई भी बड़ा नेता किसी भी अपने समर्थक को टिकट की 100 प्रतिशत गारंटी नहीं दे पा रहा है.


सिंधिया समर्थकों की वजह से बिगड़ा गणित
बता दें हर बार बीजेपी के वरिष्ठ नेता संभावित विधायक प्रत्याशियों को इशारों-इशारों में छह-आठ महीने पहले ही विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने कह देते हैं.  लेकिन इस बार संगठन के नेताओं ने किसी भी संभावित प्रत्याशी को इशारा नहीं किया है, इसकी प्रमुख वजह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री और विधायकों को माना जा रहा है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में बीजेपी के तीन मंत्रियों के बीच अनबन चल रही थी, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री भी थे. उन्हें सीएम शिवराज सिंह चौहान और आरएसएस नेताओं ने समझाइश की है.


संसदीय बोर्ड करेगी घोषणा
बीजेपी प्रवक्ता डॉ. हितेष वाजपेयी के अनुसार विधानसभा चुनावों में विधायकों के नामों का चयन केंद्रीय संसदीय बोर्ड द्वारा किया जाएगा. बीजेपी की प्रदेश की चुनाव समिति टिकट के बारे में फैसला करेगी. पार्टी नेतृत्व के पास विभिन्न स्त्रोतों से आए फीडबैक है. सही समय पर सारे फीडबैक चुनाव समिति के सामने रखे जाएंगे, जिसकी घोषणा केंद्रीय संसदीय बोर्ड करेगा.  


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