MP Assembly Election 2023: नए साल की आमद के साथ विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस ने चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है. दोनों पार्टियों की तरफ से दावेदारी भी की जा रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा के मतदान 28 नवंबर 2018 को संपन्न हुए थे. चुनावों के परिणाम 11 दिसंबर 2018 को आए थे. कांग्रेस ने 15 वर्षों से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज बीजेपी (BJP) को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. सदन में सबसे बड़ा दल होने के कारण कांग्रेस ने बसपा, सपा और निर्दलीयों की मदद से सरकार बनाई. हालांकि विडंबना रही कि अंदरुनी घमासान की वजह से कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता कमलनाथ (Kamal Nath) महज डेढ़ साल ही सत्ता का सुख भोग सके और एक बार फिर बीजेपी की सत्ता में वापसी हो गई.


15वीं विधानसभा का कार्यकाल कब होगा समाप्त?


मध्य प्रदेश में 15वीं विधानसभा का कार्यकाल 11 दिसंबर 2023 को समाप्त हो जा रहा है. साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तैयारी राजनीतिक दलों ने तेज कर दी है. दोनों ही प्रमुख दलों के नेताओं ने आरोप प्रत्यारोप और वादों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. कांग्रेस को एक करोड़ 55 लाख 95 हजार 153 मत प्राप्त हुए थे. कुल मतों का प्रतिशत 40.9 रहा. पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने 229 सीटों पर चुनाव लड़ा था. 114 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को जीत मिली.


इसी तरह पिछले विधानसभआ चुनाव में बीजेपी को एक करोड़ 65 लाख 42 हजार 980 मत प्राप्त हुए थे. बीजेपी को कांग्रेस से एक प्रतिशत अधिक मत प्राप्त हुए. कुल मतों का प्रतिशत 41 रहा. बीजेपी ने प्रदेश की सभी 230 सीटों पर प्रत्याशी उतारा. चुनाव में बीजेपी के टिकट पर 109 विधायक बने. इस तरह बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ा. पिछले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी 19 लाख 11 हजार 642 वोट लाई थी. कुल पांच प्रतिशत वोट बसपा को मिले थे. 227 सीटों पर लड़नेवाली बसपा को महज दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा.


समाजवादी पार्टी को भी मध्य प्रदेश में चार लाख 96 हजार 25 वोट मिले. कुल वोटों का प्रतिशत 1.3 प्रतिशत रहा. सपा ने मध्य प्रदेश में 50 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट जीतने में सफल हो सकी. मध्य प्रदेश में निर्दलीय उम्मीदवारों ने 22 लाख 18 हजार 230 वोट प्राप्त किये. कुल वोटों का प्रतिशत 5.8 रहा. मध्य प्रदेश में चार निर्दलीयों को जीत नसीब हुई. इस तरह मध्य प्रदेश की कुल 230 सीटों में से बीजेपी के 109, कांग्रेस के 114, बसपा के दो, सपा के एक और निर्दलीय के चार विधायक जीतकर सदन पहुंचे.


बीजेपी और कांग्रेस ने लगाई घोषणाओं की झड़ी


साल 2023 के चुनाव में उतरी बीजेपी ने अब की बार 200 पार का नारा दिया है. कांग्रेस ने 150 सीटें लाने का दावा किया है. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ का चेहरा आगे कर दिया है. माना जा रहा है कि कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. पीसीसी चीफ ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि कांग्रेस प्रदेश की 230 सीटों में से 150 पर जीत दर्ज करेगी. बीते चुनाव का अनुभव करते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी है. 


उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों का कर्ज माफी करने के साथ बुजुर्गों और दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन 600 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए कर दी जाएगी. प्रदेश में बिजली 1 रुपए प्रति यूनिट की दर से मिलेगी, पुरानी पेंशन लागू की जाएगी. सत्ताधारी दल बीजेपी मतदाताओं को रिझाने के लिए अलग-अलग प्लान के साथ मैदान में उतरी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ उठाने वाले 86 लाख लोगों को प्रमाण पत्र वितरित करने की योजना बनाई है. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत अब बुजुर्गों को हवाई जहाज से भेजा जाएगा. 


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