MP Politics: एक कहावत है कि 'गये थे नमाज पढ़ने रोजे गले पड़ गये'. जबलपुर में विकास यात्रा निकाल रहे बीजेपी सांसद और विधायक का यही हाल हुआ. सिहोरा तहसील में विकास यात्रा के दौरान स्थानीय लोग उनसे सिहोरा को जिला बनाने की मांग करने लगे. वैसे बता दें, सिहोरा को जिला बनाने के लिए पिछले 25 सालों से आंदोलन चल रहा है.कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता अपनी चुनावी भाषणों में सिहोरा को जिला बनाने का आश्वासन देते रहे हैं.


दरअसल, हुआ यूं कि सिहोरा बस स्टैंड में आयोजित विकास यात्रा की सभा स्थल पर लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने 'जिला सिहोरा, अबकी बार' के नारे लिखी तख्तियां दिखाईं. वे सड़क के दूसरे छोर पर खड़े होकर नारेबाजी करते रहे. मंच पर विकास की बातें करते जबलपुर सांसद राकेश सिंह, विधायक नंदनी मरावी, पूर्व विधायक दिलीप दुबे सहित अनेक भाजपाई इस घटना चौंक गए.समिति के सदस्यों ने लगातार नारा लगाया कि 'तुम्हें दिया है, तुम्हीं से लेंगे, जिला सिहोरा अबकी बार'.


सीएम तक बात पहुंचाने का दिया आश्वासन
कार्यक्रम के बाद सांसद राकेश सिंह ने प्रदर्शन कर रहे समिति के सदस्यों से बुलाकर बात की. सांसद ने आश्वासन दिया कि वे स्वयं सिहोरा जिला के विषय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करेंगे. उन्होंने कहा कि इसमें आ रही दिक्कतों के निराकरण की पहल भी करेंगे. वहीं, आंदोलनकारियों ने दोहराया कि सिहोरा जिला बनाने के लिए वे सरकार तक अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से पहुंचाते रहेंगे.


इस दौरान समिति के नागेन्द्र क़ुररिया, अनिल जैन, विकास दुबे, रामजी शुक्ला, रामलाल साहू, अजय विश्वकर्मा, मोहन सोंधिया, गौरी राजे, सुशील जैन सहित कई लोग मौजूद रहे.


'ऐसी बात न करें, जो पूरी न हो सके'- सीएम शिवराज
भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर जैसे ही लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सिहोरा जिला की बात की, मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि वे ऐसी कोई बात सुनना नहीं चाहते जो पूरी न हो सके. इसके बावजूद समिति के सदस्य अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखते रहे, लेकिन मुख्यमंत्री के रवैये में कोई परिवर्तन नहीं आया. इस मुलाकात के दौरान सिहोरा विधायक नंदनी मरावी और सिहोरा के अनेक भाजपा नेता मौजूद रहे.


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