Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने लाडली बहना योजना के जरिए मुस्लिम वोट बैंक में भी सेंधमारी करने की पूरी योजना बना ली है. जिस प्रकार मध्य प्रदेश में मुस्लिम बहुल इलाकों में लाडली बहना योजना को लेकर लगातार लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, उससे माना जा सकता है कि मध्य प्रदेश के 19 जिलों में मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा हिस्सा बीजेपी के पाले में आ सकता है. 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 मार्च से लाडली बहना योजना के आवेदन फॉर्म पूरे मध्य प्रदेश में जमा किए जाने के निर्देश जारी किए हैं. खास बात यह है कि फॉर्म भरने को लेकर जो भी राशि खर्च होने वाली है, वह भी शिवराज सरकार वहन कर रही है. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वोट बैंक आकर्षित करने के लिए चुनाव के पहले सबसे बड़ा दांव खेला है. इस पूरी योजना का लाभ सभी वर्ग के लोगों को मिल रहा है, जो निर्धारित शर्तों को पूरा करते हैं.


मुस्लिम महिलाओं में बढ़ी लोकप्रियता
मुस्लिम बहुल्य इलाकों में लाडली बहना योजना को लेकर काफी आकर्षण है. ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना के जरिए जैसे ही जून माह में लाडली बहनों के खाते में 1000 आएंगे, वैसे ही सरकार की इस योजना का असर देखने को मिल जाएगा. मध्य प्रदेश में यह माना जाता रहा है कि मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस की परंपरागत पूंजी रही है, लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ खिसकता जा रहा है. लाडली बहना योजना भी मुस्लिम वोट बैंक को बीजेपी की ओर आकर्षित करने वाली बड़ी योजना मानी जा रही है.


एमपी के 19 जिलों में एक लाख से ज्यादा आबादी
मध्य प्रदेश में पूरी आबादी का 7 फीसदी मुस्लिम आबादी का है. इसके अलावा एमपी के साथ 19 ऐसे जिले हैं, जहां पर एक लाख से ज्यादा मुस्लिम आबादी है. मुस्लिम वोट बैंक 19 जिलों में जनप्रतिनिधि तय करने की मैं काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. ऐसे में लाडली बहना योजना के जरिए अगर मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस की ओर से खिसक जाता है तो यह बीजेपी के लिए काफी लाभकारी रहेगा. सरकार भी इसी कोशिश में जुटी हुई है. 


इन विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक का गहरा प्रभाव
मध्य प्रदेश के जबलपुर, खंडवा, रतलाम, जावरा, ग्वालियर, शाजापुर, मंडला, उज्जैन उत्तर, नीमच, महिदपुर, मंदसौर, इंदौर (1,3,5), नसरुल्लागंज, इच्छावर, आष्टा, उज्जैन दक्षिण, देवास, भोपाल, बुरहानपुर जिले के साथ-साथ कई तहसीलों की विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक का काफी गहरा प्रभाव है. ऐसे में इन विधानसभा सीटों पर लाडली बहना योजना का प्रभाव बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. 


क्या कहती हैं बीजेपी और कांग्रेस?
उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन के मुताबिक उन्हें हिंदू और मुस्लिम दोनों ही आबादी का लंबे समय से प्यार मिल रहा है, इसलिए लगातार विधायक चुनकर आ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि लाडली बहना योजना गरीब और निम्न वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है. इस योजना का किसी भी धर्म से कोई फर्क नहीं पड़ता है. सभी धर्म के लोगों को इसका फायदा मिलेगा. यह योजना चुनाव में संजीवनी का काम करेगी. 


दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक बीजेपी को 18 साल बाद लाडली बहनों की याद आ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घोषणा की है कि उनकी सरकार बनने पर बहनों को 1500 प्रतिमाह दिया जाएगा. इसके अलावा कई और योजनाएं कांग्रेस की सरकार में लागू होंगी. हिंदू और मुस्लिम दोनों ही वोट बैंक बीजेपी से नाराज है. वर्तमान समय में महंगाई, बेरोजगारी, अत्याचार, भ्रष्टाचार, किसान विरोधी फैसले चुनाव के प्रमुख मुद्दे हैं.


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