Jabalpur News: समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का मुद्दा इस वक्त भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पॉलिटिकल एजेंडे में टॉप पर है. पार्टी चाहती है कि इस मुद्दे को घर-घर पहुंचा दिया जाए ताकि इसके पक्ष में समाज में सकारात्मक माहौल बन सके. इसके लिए पार्टी की यूथ विंग यानी भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) को बड़ा दायित्व सौंपा गया है. युवा मोर्चा के कार्यकर्ता जल्द ही घर-घर जाकर लोगों को समान नागरिक संहिता के फायदे गिनाने वाले हैं. 


लोगों को फायदे बताएगा भारतीय जनता युवा मोर्चा
इसी को ध्यान में रखते हुए जबलपुर में रविवार (2 जुलाई) को भारतीय जनता युवा मोर्चा के कैडर को यूसीसी के मुद्दे पर सक्रिय करने के लिए एक संवाद और परिचर्चा का आयोजन किया गया.इस कार्यक्रम में भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार ने कहा कि समान नागरिक संहिता देश में बहुत पहले से ही लागू हो जाना चाहिए था.देश की आजादी के 75 वर्ष होने तक भी अलग-अलग धर्मों के अलग कानून होना दुर्भाग्यपूर्ण है.अब समय आ चुका है कि हम इसको सुधार करके देश में एक समान नागरिक संहिता लागू करें.सभी पर समान रूप से एक कानून लागू हो. 


वैभव पवार ने ये भी कहा कि देश में अलग अलग कानून होने से कुछ लोगों के द्वारा उसका अनैतिक लाभ उठाकर महिलाओं का शोषण और उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है.यह संविधान की मूल भावना और मूल अधिकारों के खिलाफ है. समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी क्रिमिनल लॉ समान रूप से लागू हो पाएंगे और देश की न्याय प्रणाली में होने वाला विरोधाभाष दूर होगा. 


कार्यकर्ताओं को दिया टास्क
इस परिचर्चा में युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को टास्क दिया गया कि वे घर-घर जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के समान नागरिक संहिता के प्रस्तावों की जानकारी दें.साथ ही जनमानस में यूसीसी के प्रति सकारात्मक धारणा का निर्माण करें.कहा जा रहा है कि प्रदेश स्तर पर युवा मोर्चा जल्द ही इसके लिए एक बड़ा कार्यक्रम शुरू करने वाला है. 


लोकसभा चुनाव में क्या होगा मुद्दा


मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र दुबे कहते हैं कि अगला लोकसभा चुनाव बीजेपी समान नागरिक संहिता और अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लोकार्पण को आगे रखकर लड़ने जा रही है.जैसा कि लग रहा है कि मानसून सत्र में ही यूसीसी कानून का मसौदा लोकसभा में रखा जा सकता है.इससे स्पष्ट है कि अब बीजेपी इस मुद्दे को लेकर हड़बड़ी में है.इसी साल होने वाले मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में यूसीसी का मुद्दा बीजेपी के लिए ट्रंप कार्ड हो सकता है.


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