Madhya Pradesh News: रुडयार्ड किपलिंग के जंगल बुक के 'बघीरा' से कौन वाकिफ नहीं है. बघीरा न केवल मोगली का दोस्त था बल्कि शेरखान से उसकी रक्षा करता था. खैर ये तो हो गई बुक की बात लेकिन इन दिनों मध्य प्रदेश के पेंच नेशनल पार्क (Pench National Park) में पर्यटक 'बघीरा' यानी काले तेंदुए का जमकर दीदार कर रहे है. काले तेंदुए को इसके रंग और उग्र आंखों के कारण 'घोस्ट ऑफ द जंगल' भी कहा जाता है. कल्पना कीजिए कि वह आपको रात के अंधेरे में देख रहा है और उसका शरीर काले रंग के कारण अदृश्य है. केवल उसकी दो आंखें अंधेरे में तैर रही हैं. पूरी दुनिया में आमतौर पर एक दुर्लभ जानवर को पेंच नेशनल पार्क में देखने में महीनों या कभी-कभी सालों भी लग जाते हैं. इन दिनों पेंच में प्राकृतिक दुनिया के चमत्कारों को कई बार देखा जा रहा है.


वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर रितुराज जैस्वाल का दावा
मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में इंदिरा प्रियदर्शिनी पेंच राष्ट्रीय उद्यान, पेंच मोगली अभयारण्य और एक बफर जोन शामिल है. यह वहीं वन क्षेत्र है, जिसे रुडयार्ड किपलिंग द्वारा प्रसिद्ध ‘द जंगल बुक' में बताया गया है. इसके प्रमुख किरदार मोगली और बघीरा (काला तेंदुआ) के बीच गहरी दोस्ती के किस्से मशहूर हैं. अब इसी पेंच टाइगर रिजर्व में दुलर्भ प्रजाति का काला तेंदुआ फिर दिखाई देने का दावा किया जा रहा है. वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर रितुराज जैस्वाल ने इस काले तेंदुए का वीडियो बनाने का दावा किया है. इसे पेंच नेशनल पार्क प्रबंधन ने अपने ट्वीटर अकॉउंट पर शेयर किया है. रितुराज ने मीडिया को बताया कि शनिवार 20 अगस्त की शाम तकरीबन 5 बजे व इसी दिन रात्रि तकरीबन 8-9 बजे के दरम्यान खवासा बफर जोन में यह काला तेंदुआ अपने परिवार के साथ नजर आया. तेंदुए के परिवार में उसकी मां व दो भाई भी हैं.


बढ़ने लगी पर्यटकों की संख्या
पार्क के जानकारों के मुताबिक, मादा तेंदुआ ने तकरीबन 9 माह पूर्व 3 शावकों को जन्म दिया था. इसमें से एक तेंदुए का रंग काला है. शेष दो व मां सामान्य तेंदुए की ही तरह हैं. कहा जा रहा है कि पेंच टाइगर रिजर्व में काला तेंदुआ नजर आने की घटना से पर्यटकों की संख्या अचानक बढ़ गई है. नागपुर व मध्य प्रदेश से अनेक पर्यटक इस काले तेंदुए को देखने के लिए पेंच के जंगल में पहुंच रहे हैं. बारिश का मौसम होने की वजह से पेंच टाइगर रिजर्व का कोर एरिया बंद कर दिया गया है. बावजूद इसके पर्यटक बफर जोन में प्रवेश कर रहें और नाइट सफारी का भी लुत्फ उठा रहे हैं. पेंच टाइगर रिजर्व में तकरीबन 700-800 तेंदुओं का वास होने की जानकारी मिली है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह पहली घटना है जब यहां काला तेंदुआ नजर आया है. इस तेंदुए की उम्र तकरीबन 8-9 माह है.


पार्क प्रबंधन ने ट्वीट की तस्वीर
जानकारों के मुताबिक इसे वयस्क होने में 7-8 माह का वक्त लगेगा. तकरीबन डेढ़ वर्ष का होने पर यह तेंदुआ पूर्णत: वयस्क होगा. इसके बाद इस क्षेत्र में काले तेंदुए की संख्या में वृद्धि की संभावना है. वन विभाग के विशेषज्ञ अधिकारियों के मुताबिक काला तेंदुआ नजर आना सामान्य घटना है. जेनेटिक कारण की वजह से किसी शावक के शरीर में रंग रूपांतरित करने वाले जींस निष्क्रिय हो जाते हैं, जिसकी वजह से वह शावक प्राकृतिक रंग नहीं ले पाता और उसका रंग काला रह जाता है. यह कोई बीमारी नहीं है. पेंच टाइगर रिजर्व में मौजूद काला तेंदुआ पूरी तरह स्वस्थ है. वहीं पार्क प्रबंधन ने अपने ट्वीटर अकॉउंट से काले तेंदुए के फोटो और वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि "मायावी बघेरा से मिलें. हमारे पर्यटकों और प्रकृतिवादियों द्वारा पिछले 3 दिनों के कुछ फोटो और वीडियो का संकलन किया गया. तेंदुए भी सुपरफास्ट और अत्यधिक फुर्तीले होते हैं. देखें कि हमारे बघेरा ने कितनी तेजी से जंगल की सड़क को पार किया."



ये भी पढ़ें-
MP PAT Exam 2022: एमपी प्री एग्रीकल्चर टेस्ट का शेड्यूल जारी, इस तारीख से शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन, ये है परीक्षा की तारीख



MP News: बारिश से प्रभावित जिलों का सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया हवाई सर्वेक्षण, कहा- 2,100 लोगों को बचाया गया