Jabalpur: जबलपुर के इस सिंगर के फैन हुए बॉलीवुड के लिविंग लीजेंड धर्मेंद्र, खुद अपने हाथ से लिखकर दी चिट्ठी
जबलपुर शहर की कलाकार इशिता विश्वकर्मा का गाना सुनकर फिल्म अभिनेता धर्मेद्र ने एक टीवी शो में अपने हाथ से लिखा हुआ खत भेंट किया है.
Jabalpur News: जिसकी गायकी के हुनर की तारीफ खुद फ़िल्म इंडस्ट्री के लिविंग लेजेंड धर्मेंद्र अपने हाथ से खत लिखकर करें,तो उसकी प्रतिभा का लोहा कौन नहीं मानेगा. राष्ट्रीय स्तर पर अपने नाम और काम की धूम मचा चुकी जबलपुर शहर की कलाकार इशिता विश्वकर्मा का गाना सुनकर फिल्म अभिनेता धर्मेद्र ने एक टीवी शो में अपने हाथ से लिखा हुआ खत भेंट किया है.गौरतलब है कि इशिता 2019 में ज़ी न्यूज़ के 'शो सारे गा मा पा' की विनर भी रह चुकी है.
धर्मेंद्र ने दी अपनी शुभकामनाएं
सोनी टीवी के इंडियाज गॉट टेलेंट प्रोग्राम में जबलपुर की छोटी लता कही जाने वाली इशिता की सिंगिंग स्किल्स से प्रभावित होकर अभिनेता धर्मेद्र ने उन्हें ऐसे ही सुरों का खजाना लुटाते रहने के लिए शुभकामनाएं दी हैं.
बता दें कि सोनी टीवी के रियलिटी शो ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’ में इस वीकेंड धरम जी स्पेशल एपिसोड में लिविंग लीजेंड और बॉलीवुड स्टार धर्मेंद्र स्पेशल गेस्ट थे.इस दौरान तमाम बेहतरीन परफॉर्मेंस के बीच टॉप 14 कंटेस्टेंट्स में शामिल जबलपुर की इशिता विश्वकर्मा ने अपनी मधुर आवाज में 1966 की क्लासिक फिल्म ‘आए दिन बहार के’ का गाना "सुनो सजना" और 1973 की ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘लोफर’ का गाना "मैं तेरे इश्क में मर ना जाऊं कहीं" गाया.
ये दोनों गाने महान गायिका स्वर कोकिला स्वर्गीय लता मंगेशकर ने गाए थे.इन गानों के जरिए इशिता ने भारतीय संगीत जगत की साक्षात मां सरस्वती लता दीदी को श्रद्धांजलि अर्पित की. इशिता ने न सिर्फ धरम जी को प्रभावित किया, बल्कि शो की बाकी जजेस किरण खेर, शिल्पा शेट्टी कुंद्रा, बादशाह और मनोज मुंतशिर के दिलों को भी जीत लिया.
‘सा रे गा मा पा’ का जीत चुकी हैं खिताब
2019 में मध्य प्रदेश के जबलपुर की इशिता विश्वकर्मा ने ज़ी टीवी के 'सा रे गा मा पा' का खिताब जीता था. इशिता ने फिनाले में साहिल सोलंकी, तन्मय चतुर्वेदी, ऐश्वर्या पंडित, सोनू गिल और असलम अब्दुल माजिद को हराया था.ट्रॉफी के साथ इशिता को 5 लाख रुपये और एक हुंडई कार इनाम में मिली थी.उत्तर प्रदेश के लखनऊ के तन्मय फर्स्ट रनर अप और पंजाब के अमृतसर के सोनू सेकंड रनर अप घोषित किए गए.इशिता ने जब यह खिताब जीता था तो वह सिर्फ 16 साल की थी.