भोपाल: मध्य प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत खेल प्रशिक्षकों और शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा विभाग में खेल प्रशिक्षकों एवं शिक्षकों की नियुक्ति न किए जाने पर विरोध दर्ज कराया है. खेल शिक्षकों ने मध्य प्रदेश सरकार और स्कूल शिक्षा से जुड़े जिम्मेदारों पर नियमों के साथ खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप भी लगाया है.खेल शिक्षकों ने कहा है की कुछ दिनों पहले खेल शिक्षकों का हक समाप्त करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग विषयों के विभिन्न शिक्षकों को ही मात्र 5 दिन का प्रशिक्षण देकर खेल प्रभारी बना रहा है. इस वजह से शैक्षणिक स्तर के साथ शारीरिक गतिविधियों में दक्षता के लिए बीपीएड और एमपीएड की शिक्षा प्राप्त करना औचित्यहीन सा हो गया है.


खेल शिक्षक पदों पर भर्ती किए जाने की मांग को लेकर विदिशा से पैदल चलकर सागर, विदिशा और इदौर समेत अन्य जिलों के शिक्षक भोपाल पहुंचे थे. सीएम हाउस जाने से पहले बेरोजगारों को पुलिस ने बोर्ड ऑफिस चौराहे पर रोक दिया. पुलिस ने अनुमति नहीं होने का हवाला देते हुए उन्होंने चौराहा पर रोक लिया.


खेल प्रशिक्षक मनोज सैनी और महेश जोशी ने आरोप लगाया कि पिछले 15 सालों से मध्य प्रदेश में शारीरिक शिक्षा में दक्षता लिए बीपीएड और एपीएड धारी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा रही है जबकि प्रदेश में 50 हजार से अधिक खेल प्रशिक्षकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं.उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में खेल प्रशिक्षकों और शिक्षकों के साथ किए जा रहे इस धोखे के चलते हम विरोध कर रहे हैं. मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से खेल शिक्षक और प्रशिक्षक पैदल मार्च करने के लिए भोपाल पहुंचे.


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