Bhopal Brahmin Mahakumbh: परशुराम जयंती पर अब होगी छुट्टी, ब्राह्मण महाकुंभ में सीएम शिवराज सिंह चौहान का एलान
Bhopal: भोपाल में रविवार को विप्रजनों के महाकुंभ का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. कार्यक्रम में द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य भी शामिल हुए.
Brahmin Mahakumbh In Bhopal: भोपाल (Bhopal) के जंबूरी मैदान में रविवार को विप्रजनों के महाकुंभ (Brahmin Mahakumbh) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य भी शामिल हुए. इस महाकुंभ में विप्रजनों ने सरकार से 14 मांगें की. आयोजन में कहा गया कि जिन सीटों पर सवर्ण चुनाव लड़ सकते हैं, उन पर ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के जनप्रतिनिधि को टिकट नहीं दिया जाए.
वहीं जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि सरकार को मंदिरों पर शासन का अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. विप्रजनों के महाकुंभ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से एलान किया कि अब भगवान परशुराम जयंती के दिन सरकारी छुट्टी रहेगी.
सीएम ने क्या कहा
सीएम ने कहा "संस्कृत विद्यालय के एक से पांच तक के विद्यार्थियों को आठ हजार और छह से 12 तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे. साथ ही जिन मंदिरों के पास कृषि भूमि नहीं है, वहां के पुजारियों को हर महीने पांच हजार रुपये दिए जाएंगे. पाठ्य पुस्तकों में भगवान परशुराम की गाथा पढ़ाई जाएगी. मदिरों की जमीन को अब कलेक्टर नहीं, बल्कि पुजारी नीलाम (कोली/बटिया) करेंगे."
रामेश्वर शर्मा के तीखे बोल
कार्यक्रम के दौरान राजनीतिक पार्टियों में शामिल ब्राह्मण समाज के जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भोपाल की हुजूर विधानसभा सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हिन्दुस्तान की बेटी अब बाबर-अकबर के यहां नहीं ब्याही जाएंगी. अब वो राम-श्याम के यहां ब्याही जाएंगी. विधायक शर्मा ने कहा कि अभी तो राम का मंदिरा बनना शुरु हुआ है. चिंता मत करो, हर मंदिर बनेगा. इस कार्यक्रम को भोपाल विधायक पीसी शर्मा ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि राम के साथ सीता को नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले निर्धन बच्चों की फीस सरकार को भरनी चाहिए.
विप्रजनों की यह 14 मांगें
1. प्रदेश में ब्राह्मण आयोग का गठन हो.
2. एट्रोसिटी एक्ट के तहत बिना जांच के एफआईआर नहीं लिखी जाए और न ही गिरफ्तारी की जाए. इस एक्ट को समाप्त किया जाए.
3. ब्राह्मण वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में मप्र में 14 फिसदी आरक्षण का लाभ दिया जाए. एससी, एसटी, ओबीसी जैसी सुविधाएं दी जाएं.
4. समाज के छात्र-छात्राओं के लिए शासन जिला और तहसील पर छात्रावास की व्यवस्था करें. नाम परशुराम छात्रावास रखा जाए.
5. ओबीसी की तरह आठ लाख से नीचे आय वाले ब्राह्मणों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए.
6. भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए.
7. भारत के सभी मंदिरों को शासन के नियंत्रण से मुक्त रखा जाए.
8. 1980 से आज तक मंदिरों का सर्वे नहीं हुआ है. सर्वे करवाकर सभी सार्वजनिक मंदिरों के पुजारियों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाए. चढ़ावे में 50 फीसदी हिस्सा किया जाए.
9. मंदिरों से हुई धर्मस्त की आमदनी की संपूर्ण राशि मंदिरों के जीर्णोद्धार, गुरुकुल और गौशाला संचालन के लिए शासकीय अनुदान के रूप में प्रदान की जाए.
10. कथा वाचक, साधु-संतों और ब्राह्मण समाज पर अपशब्द बोलने और अपमानित किए जाने की दशा में कठोर कार्रवाई का प्रावधान किया जाए.
11. ब्राह्मण अत्याचार निवारण अधिनियम एक्ट बनाया जाए.
12. क्रांतिकारी पंडित चंद्रखेर आजाद, मंगल पांडे की तरह देश पर मर मिटने वाले अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन को सम्मान दिया जाए. आर्थिक सहायता प्रदान की जाए.
13. ब्राह्मण समाज को विभिन्न सामाजिक धार्मिक और लोक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए पांच एकड़ भूमि आवंटित की जाए.
14. जिन सीटों पर सवर्ण चुनाव लड़ सकते है, वहां ओबीसी और एससी, एसटी को टिकट न दिया जाए.