MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भीषण गर्मी के बीच विवाह समारोह (Child Marriage Ceremony) का मौसम भी चल रहा है. यहां पर विवाह समारोह के दौरान अचानक महिला बाल विकास विभाग (Women and Child Devlopement Department) और चाइल्डलाइन (Childline) की टीम पहुंचने के कारण कई अपात्र दूल्हा-दुल्हन (Groom-Bride) मंडप से ही भाग जा रहे हैं. वहीं कई मामलों में इन टीमों ने कई शादियां होने ही नहीं दीं. ऐसे कई मामले मध्य प्रदेश में सामने आ रहे हैं. हाल ही में ताजा मामला राजधानी भोपाल (Bhopal) में प्रकाश में आया है. 


बाल विवाह का आयोजन


उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में हर साल बाल विवाह रोकने के लिए महिला और बाल विकास की टीम सक्रिय हो जाती है. खासतौर पर अक्षय तृतीया के आसपास कई बाल विवाह रोके जाते हैं. इस बार भी अक्षय तृतीया बीतने के बाद बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं. महिला और बाल विकास विभाग को सूचना मिली थी कि भोपाल के छोला थाना क्षेत्र में बाल विवाह आयोजित किया जा रहा है. यहां पर चाइल्डलाइन और महिला व बाल विकास विभाग के साथ पुलिस ने पहुंच कर जांच-पड़ताल की. जब परिजनों से दुल्हन की उम्र के बारे में पता किया गया तो जानकारी मिली कि वह 16 साल और 9 माह की है. इसके बाद विवाह को रोक दिया गया. परिवार के लोगों से लिखित में विवाह नहीं करने की स्वीकृति दिए जाने के बाद टीम मौके से रवाना हुई. परिजनों ने यह तर्क दिया कि वे सब्जी का व्यापार करते हैं. उनकी बेटी के लिए अच्छा रिश्ता आया था, इसलिए उन्होंने विवाह तय कर दिया. दुल्हन ने बताया कि वह कॉलेज के प्रथम वर्ष की छात्रा है.


बेरसिया में भाग गए दूल्हा-दुल्हन


इसी तरह का मामला राजधानी भोपाल के बेरसिया इलाके में भी सामने आया है. यहां पर जब महिला बाल विकास की टीम पहुंची तो दूल्हा-दुल्हन भाग गए. बताया जाता है कि यहां भी दूल्हा-दुल्हन की उम्र कम होने की शिकायत मिली थी. विदित है कि शादी के लिए लड़के की वैध उम्र 21 साल और लड़की की 18 साल है. महिला और बाल विकास विभाग को लगातार मिल रही शिकायतों पर कार्रवाई जारी है. 


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