MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश के दमोह से बड़ी खबर सामने आ रही है. बीएसपी की दबंग और चर्चित विधायक रामबाई सिंह के जेल में बंद रिश्तेदारों को अलग-अलग जगहों पर शिफ्ट किया गया है. रिश्तेदारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई विधानसभा चुनाव से पहले की गई है. चुनाव को जेल से प्रभावित करने की शिकायतों के बाद एक्शन हुआ है. बता दें कि कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में बसपा विधायक रामबाई सिंह के पति, देवर, भतीजे और भाई बीते तीन वर्षों से जेल में बंद हैं.


बीएसपी विधायक रामबाई सिंह के रिश्तेदारों पर एक्शन


दमोह कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. किसी भी आरोपी को जमानत पर भी नहीं रिहा किया गया है. जेल में बंद विधायक के रिश्तेदारों पर रसूख की बदौलत अवैधानिक काम कराने का आरोप लग चुका है. कुछ महीनों पहले रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह को सेंट्रल जेल जबलपुर शिफ्ट किया गया था. उनके देवर, भतीजे और भाई दमोह जेल में थे. रामबाई सिंह एक बार फिर बीएसपी के टिकट पर पथरिया से चुनावी मैदान में हैं.


जेल से चुनाव को प्रभावित करने की मिली थी शिकायत


चुनावी प्रक्रिया शुरू होते ही रामबाई आरोपों और शिकायतों के घेरे में आ गई. कलेक्टर दमोह को शिकायत मिली कि जेल में बंद रामबाई सिंह के रिश्तेदार जेल डरा धमका रहे हैं. चुनांव के मद्देनजर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया और जेल विभाग को पत्र लिखा. पत्र के आधार पर जेल विभाग भोपाल से आदेश जारी किये गए. आदेश के तहत रामबाई सिंह के देवर कौशलेंद्र प्रताप सिह चंदू को सेंट्रल जेल सागर भेजा गया.


भतीजे गोलू सिंह को उपजेल हटा और भाई लोकेश पटेल को सेंट्रल जेल भोपाल शिफ्ट करने के आदेश जारी हुए. दमोह जिला जेल अधीक्षक को विधायक के रिश्तेदारों को जल्द अन्य जगहों पर शिफ्ट करने का आदेश मिला है. विधानसभा चुनाव से पहले कार्रवाई मायने रखती है. जेल में बन्द रामबाई सिंह के परिजनों को लेकर कई बार विवाद सामने आए. कमलनाथ के बाद शिवराज सरकार पर रामबाई की मदद करने के आरोप लगते रहे. इसी वजह से जेल में आरोपियों को सहूलियत भी मिलती रही. 


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