Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के बुदनी मिडघाट पर 15 दिन पहले तीन बाघ शावक ट्रेन की चपेट में आ गए थे. इस हादसे में एक बाघ शावक की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दो बाघ शावक गंभीर रूप से घायल थे. जिला प्रशासन के प्रयासों से दोनों बाघ शावकों को एक बोगी की स्पेशल ट्रेन से वन विहार अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां इलाज चल रहा था. यहां दोनों बाघ शावक की मौत हो गई.
 
बता दें 15 जुलाई को बुदनी क्षेत्र में ट्रेन की चपेट में आने से एक बाघ की मौत हो गई थी, जबकि उसके साथ दो शावक घायल हो गए थे. बुदनी के मिडघाट रेलवे टै्रक के खंभा नंबर 800/18 के पास तीन बाघ शावक ट्रेन की चपेट में आए थे. सीहोर जिला प्रशासन के प्रयासों की वजह से घायल बाघ शावकों को स्पेशल ट्रेन के एक बोगी से बुदनी से भोपाल वन विहार पहुंचाया गया था, वहां इनका इलाज चल रहा था.
 
पांच डॉक्टरों की टीम कर रही थी इलाज 
वन विहार नेशनल पार्क के संचालक अवधेश मीणा के अनुसार बाघ शावकों का मेडिकल परीक्षण वन विहार के डॉक्टर अतुल गुप्ता के साथ डॉक्टर सुनील तुमडिया, डॉक्टर रजत कुलकर्णी, डॉक्टर हमला नकवी और डॉक्टर वैभव शुक्ला की टीम द्वारा किया जा रहा है. हालांकि, डॉक्टरों की टीम इनमें से दोनों बाघ शावक को नहीं बचा सकी.
 
रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर
रेस्क्यू कर जब इन बाघ शावकों को वन विहार लाया गया था, तब इनका यहां एक्सरे किया गया था. एक्सरे में सामने आया था कि उनकी रीढ़ और कूल्हे की हड्डियों में कई फ्रैक्चर हुए हैं. इसी कारण इनका कमर के बाद का हिस्सा पैरालाइज हो गया. दोनों को आईवी फ्लूड दिया गया. इलाज के दौरान एक शावक शुरुआत से ही भोजन कर रहा था, जबकि दूसरा भोजन नहीं कर रहा था. 
 
भोजन नहीं ले रहा था शावक
वन विहार लाए गए दोनों बाघ शावकों में से एक शावक शुरुआत से ही कुछ भी भोजन नहीं ले रहा था, जिससे उसकी हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी. नतीजतन मंगलवार की रात उसकी मौत हो गई, वहीं दूसरे बाघ शावक की हालत भी नाजुक बनी हुई थी. हालांकि, वह कम मात्रा में भोजन ले रहा है. डॉक्टरों की टीम इस बाघ शावक पर नजर बनाए हुए थे, लेकिन बुधवार को उसकी भी मौत हो गई.



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