Bees Attacked On Tourists in Asirgarh Fort: बुरहानपुर के असीरगढ़ किले में पर्यटकों पर मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया. अचानक हुए हमले से पर्यटकों में भगदड़ मच गयी. ईद के दूसरे दिन शनिवार को पर्यटकों की किला में काफी भीड़ थी. बताया जा रहा है कि युवक ने मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर फेंक दिया.


छत्ते पर पत्थर फेंकने से मधुमखियां भड़क गई. अचानक मधुमखियों के झुंड ने पर्यटकों को डंक मारना शुरू कर दिया. पर्यटक मधुमक्खियों से बचने के लिए भागने लगे. असीरगढ़ किले में अफरा तफरी की स्थिति बन गयी.


मधुमक्खियों के हमले में 25 लोग घायल


पर्यटक कपड़ों से चेहरा छिपाने लगे. घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मधुमक्खियों के हमले में 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए. घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. आठ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है. घटना के बाद असीरगढ़ किला चर्चा में आ गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मधुमक्खियों ने लोगों को डंक मारना शुरू किया. लोग बचने की कोशिश में दौड़ने लगे. मौके पर भगदड़ की स्थिति पैदा हो गयी थी. पहले भी किले में मधुमक्खियों के हमले की घटना सामने आयी है. मधुमक्खियों के हमले में घायलों को पुलिस और 108 एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल भेजा गया. हर साल त्योहारी सीजन पर किले में घटना सामने आती है. लोग परिवार और दोस्तों के साथ पर्यटन स्थल घूमने आते हैं. 




क्या है असीरगढ़ किले का इतिहास?


मध्य प्रदेश के निमाड़ में बुरहानपुर कभी दक्षिण का द्वार कहलाता था. ऐतिहासिक नगर बुरहानपुर मुगल हुकुमत, मराठा साम्राज्य से लेकर अंग्रेजों के शासनकाल तक का गवाह रहा है. बुरहानपुर से 20 किलोमीटर दूर इंदौर इच्छापुर हाईवे पर असीरगढ़ का किला है.


1000 फीट ऊंचाई पर बना किला अजेय है. कहा जाता है कि आज तक किसी ने भी जंग के जरिये किले पर कब्जा हासिल नहीं किया. अकबर को भी किले पर चढ़ाई के दौरान नाकामी मिली. उसने छल का सहारा लेकर किले को मुगलों के अधीन कर दिया. मुगलों के बाद किले पर कब्जा मराठा और सिंधिया ने भी किया. फिर एक संधि के तहत किला अंग्रेजों के कब्जे में रहा. अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन किला है. 


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