Burhanpur: 'मैं भूत नहीं, जिंदा हूं!' कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर बुजुर्ग ने लगाई गुहार, जानें क्या है मामला
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के दत्त गांव के 79 साल के राजाराम को पंचायत की ओर से मृत घोषित किया गया है. बुजुर्ग को कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई में पहुंचकर अपने जीवित होने का प्रमाण देना पड़ा.
MP News: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां बुरहानपुर जिले के दत्त गांव, मंदिर चिंचाला फूलवाला प्लॉट निवासी 79 साल के एक बुर्जुग को मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचकर अपने जीवित होने का प्रमाण देना पड़ा. बुजुर्ग ने कुछ महीने पहले हुए पंचायत चुनाव में मतदान किया था. इसके साथ ही हर महीने उन्हें राशन भी मिल रहा है. 12 महीने से सरकार ने उनको मृत मानकर पेंशन नहीं दे दी. बुजुर्ग अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र लेकर न्याय की आस में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं.
पंचायत की तरफ से बताया गया था मृत
दरअसल, पंचायत की ओर से जो रिकॉर्ड जनपद पंचायत को भेजा है. उसमें बुजुर्ग को मृत बता दिया गया है. यह आरोप 79 साल के बुजुर्ग राजाराम के बेटे प्रदीप चौधरी ने लगाए हैं. उन्होंने बताया कि पिता की पेंशन इस साल जनवरी (2022) से बंद है.
रिकॉर्ड में उन्हें मृत माना जा रहा है, जबकि उनके जीवित होने के दस्तावेज की छात्रा प्रति ग्राम पंचायत चिंचाला सचिव को दिए हैं, लेकिन दस्तावेज के देने के बाद भी अब तक वृद्धावस्था पेंशन खाते में नहीं आई. इस मामले में जनपद पंचायत को शिकायत की गई. जिसके बाद वहां के ऑपरेटर ने बताया कि राजाराम चौधरी की तो मृत्यु हो चुकी है. ऐसा उन्हें ग्राम पंचायत द्वारा सर्वे में बताया.
क्या कहा बुजुर्ग राजाराम के बेटे प्रदीप चौधरी ने?
बुजुर्ग राजाराम के बेटे प्रदीप चौधरी ने कहा कि मेरे पिता हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में मतदान कर चुके हैं. उनका राशन भी चालू है. इसके बाद भी उनकी 12 माह से पेंशन बंद है. पीड़ित राजाराम चल फिर नहीं सकते. उनका बेटा उन्हें व्हीलचेयर पर कलेक्टर कार्यालय लाया था और वहां आपबीती सुनाई. यहां अफसरों को जनसुनवाई में लिखित शिकायत कर जीवित होने के प्रमाण सौंपे और पेंशन चालू कराने की मांग की.