Burhanpur: माफिया पर कार्रवाई के लिए पहुंचे खनिज निरीक्षक का घेराव, रेत निकालने से रोकने पर किया विरोध
Madhya Pradesh: यहां ट्रैक्टर की एंट्री पर एक ट्रिप के 800 रुपये लिए जा रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि सरकारी अनुमति के बिना रेत नहीं बेचा जा सकता है. हालांकि अधिकारी को बिना कार्रवाई ही वापस आना पड़ा.
MP News: बुरहानपुर जिले के खकनार आदिवासी विलास खंड में पेसा एक्ट के तहत बनी ग्राम समिति अब खुलेआम अवैध रेत खनन और परिवहन कर रही है. समिति के सदस्य बैराज पर डायरी लेकर ट्रैक्टर की एंट्री कर 1 ट्रिप के 800 रुपये ले रहे हैं. यह पूरा मामला ग्राम सतोड़ और गोंद्री के बीच बने बैराज का है. यहां कार्रवाई के लिए पहुंचे खनिज निरीक्षक के वाहन का लोगों ने घेराव किया.
2 ट्रैक्टर को पकड़ा गया
बता दें कि बीते 4 वर्षों से बैराज के गेट खुले होने के कारण पानी दिसंबर अंत तक खाली हो जाता है. पानी खाली होने के बाद क्षेत्र की सारे रेत के सारे टापू खुल जाते हैं. गुरुवार दोपहर माइनिंग विभाग से कार्रवाई करने के लिए पहुंचे अधिकारियों को देख कुछ ट्रैक्टर वाले रेत खाली कर भाग निकले. 2 ट्रैक्टर को परिवहन करते हुए पकड़ा गया.
ताप्ती बैराज से ट्रैक्टर को लेकर अधिकारी देड़तलाई पुलिस चौकी जा रहे थे. उसी समय रास्ते में पेसा एक्ट समिति के सदस्य और ग्रामीणों ने माइनिंग की गाड़ी को रोककर कार्रवाई में बाधा उत्पन्न की. 100 से ज्यादा ग्रामीणों ने अधिकारियों का रास्ता रोका और उनसे जवाब तलब करने लगे.
पेसा एक्ट समिति के सदस्य ने किया जवाब तलब
अधिकारियों को समिति वालों ने कहा कि आप किसके कहने से यहां कार्रवाई करने आए हैं. क्या आपने पेसा एक्ट के तहत बनी हुई समिति या गांव के सरपंच से गांव में घुसने की अनुमति ली? आप खुद अवैध तरीके से यहां कार्रवाई करने पहुंचे हैं और हमारे द्वारा बेची जा रही रेत को आप अवैध करार दे रहे हैं. समिति के लोगों ने कहा कि पेसा एक्ट के तहत बने कानून की आपको जानकारी नहीं है.
ग्रामसभा को आप नहीं मानते, जल, जमीन और जंगल इन सब पर हमारा अधिकार है. हमें किसी को आवेदन देने की या किसी से अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है. आप इसको अवैध नहीं बोल सकते और इस पर कार्रवाई भी नहीं कर सकते. अधिकारी के लाख बोलने पर भी ग्रामीण नहीं माने. रास्ते में जमा लोगों की भीड़ और उनके बर्ताव को देखकर अधिकारियों को बिना कार्रवाई किए बैरंग लौटना पड़ा.
पिछले 4 वर्षों से किसान परेशान
गोंद्री बैराज के बनने से सिर्फ रेत माफियाओं को ही फायदा हो रहा है. किसान पिछले 4 वर्षों से परेशान हैं. अधिकारी आश्वासन दे रहे हैं, जनप्रतिनिधियों को इसकी कोई चिंता नहीं है. अब पेसा एक्ट के तहत जो समितियां बनी है वह भी किसानों की चिंता न करते हुए सिर्फ व्यवसाय को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. क्षेत्र के किसान हर साल हजारों रुपए जलसंसाधन विभाग को टैक्स दे रहे हैं.
गोविंद पाल निरीक्षक खनिज विभाग ने बताया कि अवैध खनन और परिवहन हो रहा है. इस मामले में अपर कलेक्टर का निर्देशन लिया गया, उन्होंने समझाइश देने के लिए कहा है. समिति को रेत बेचना है तो भोपाल पोर्टल के नियम के अनुसार आवेदन करें. शासन की अनुमति के बाद ही ये रेत बेच सकते हैं.