Bus Driver Strike: मध्य प्रदेश में ट्रक-बसों की हड़ताल से जनता बेहाल, सीएम मोहन यादव बोले- जरूरी सामान के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान
Bus Driver Strike Today: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की जनता को आवश्यक सामग्री के लिए परेशान नहीं होना पड़े, इसके लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जाएंगे.
Bus Driver Strike News: मध्य प्रदेश में समेत देशभर में ट्रक और बस ड्राइवर केंद्र के हिट एंड रन कानून के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. ऐसे में यात्रियों के साथ-साथ आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं जनता की बढ़ती समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों के साथ बैठक की.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "प्रदेश की जनता को आवश्यक सामग्री के लिए परेशान नहीं होना पड़े, इसके लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जाएंगे. आज मंत्रालय में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिशनर्स समेत जिलों के कलेक्टर और एसपी से चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए."
प्रदेश की जनता को आवश्यक सामग्री के लिए परेशान नहीं होना पड़े, इसके लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जाएंगे।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 2, 2024
आज मंत्रालय में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिशनर्स समेत जिलों के कलेक्टर और एसपी से चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। pic.twitter.com/kl88WtJ0o6
वहीं उधर हड़ताल कर रहे ट्रक-बस ड्राइवरों को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट सख्त नजर आया. कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को हड़ताल कर रहे ड्राइवरों पर सख्ती करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि ये मामला जनता से जुड़ा है.
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों और भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में प्रशासन ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कोई कमी नहीं है. ड्राइवरों के आंदोलन के बीच मंगलवार को सुबह भोपाल, इंदौर और अन्य शहरों में पेट्रोल पंपों पर अपने वाहनों की टंकी में ईंधन भरवाने के लिए बड़ी संख्या में लोग देखे गए.
नए दंड कानून के एक प्रावधान के विरोध में ट्रकों और टैंकरों सहित वाणिज्यिक वाहनों के चालकों ने सोमवार से मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में काम बंद कर दिया और कुछ स्थानों पर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.
भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) विजय कालरा ने बताया, "नये कानून के खिलाफ चालकों की हड़ताल से मध्यप्रदेश में लगभग पांच लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां नहीं चल पा रही हैं."
उन्होंने मांग की कि सरकार को हिट एंड रन के मामलों में चालकों को सख्त सजा के प्रावधान वापस लेने चाहिए और सड़क हादसे रोकने के लिए खासकर राजमार्गों पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जानी चाहिए.ग्वालियर में आंदोलनरत ड्राइवरों ने झांसी रोड पर विरोध प्रदर्शन किया.
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