Ujjain News: उज्जैन में बस मालिक के फर्जीवाड़ा को देखकर आरटीओ भी चौंक गए. दरअसल, आरटीओ संतोष मालवीय आज एकता बस ट्रैवल्स की बस के दस्तावेज चेक कर रहे थे. जांच के क्रम में खुलासा हुआ कि बस मालिक मुस्तफा बड़ी चालाकी से सरकार को चूना लगाने का काम कर रहा था. कागजात मांगने पर आरटीओ को ड्राइवर और कंडक्टर ने पुराने दस्तावेजों की फोटोकॉपी पेश की. आरोप है कि इसके बाद बस मालिक ने भी गुमराह करने की कोशिश की. दो बसों के परमिट इंदौर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में सरेंडर कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए गाड़ी का संचालन हो रहा था. दोनों बसें उज्जैन से अलीराजपुर और उज्जैन से झाबुआ के बीच चलती हैं.
फर्जी दस्तावेज के सबूत मिलने पर होगी एफआईआर
आरटीओ संतोष मालवीय ने बताया कि एकता ट्रैवल्स की दर्जनों बसें चलने की जानकारी मिली है. ऐसा फर्जीवाड़ा दूसरे जिलों में भी होने की आशंका के चलते वरिष्ठ अधिकारियों को घटनाक्रम से अवगत करवा दिया गया है. आरटीओ ने कहा कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इंदौर से भी दस्तावेजों के संबंध में जानकारी हासिल की जा रही है. इस पूरी प्रक्रिया में अगर फर्जी दस्तावेज के पुख्ता सबूत सामने आए तो एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है. इसके अलावा बस मालिक पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाकर दोनों बसों के परमिट निरस्त करने की अनुशंसा भी की जा रही है.
फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद बसों की जांत तेज
फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद जिले भर में बसों की जांच तेज कर दी गई है. मालवीय के मुातिबक बसों के परमिट से सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है. कुछ बस मालिक बड़ी चालाकी से बिना परमिट बस चलाने की कोशिश भी करते हैं. अगर परमिट आरटीओ कार्यालय में सरेंडर कर दिया जाता है तो फिर टैक्स काफी कम हो जाता है. इस प्रकार परमिट सरेंडर कर बस मालिक गाड़ियों को दौड़ाते हैं. ऐसी स्थिति में दुर्घटना होने पर खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है.
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