MP News: प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) की राशि में हेरा फेरी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. देवास जिले के प्रकरण में लोकायुक्त पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की है. इसमें नगर परिषद के पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी शामिल है. आरोपियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के मद का दुरुपयोग करते हुए कोविड की सामग्री खरीद कर हेराफेरी की.


लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि देवास जिले की नगर परिषद सोनकच्छ में मई से जुलाई 2020 के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के मद से आई राशि के एक करोड़ 27 लाख 27 हजार ₹86 के अनियमित भुगतान का मामला सामने आया है. मद को परिवर्तित करते हुए अधिकारियों ने बाहरी व्यक्ति के साथ मिलकर गड़बड़ी की. लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक तत्कालीन सीएमओ के एन एस चौहान द्वारा कोविड सामग्री क्रय करने के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि का दुरुपयोग करते हुए भुगतान कर दिया गया. इसके अलावा अधिकांश सामग्री नितिन नामक व्यक्ति की फर्म नितिन ट्रेडिंग, मां तुलजा इंटरप्राइजेस आदि से खरीदना बताया. स्टोर प्रभारी मानसिंह मनोरिया ने भी सीएमओ द्वारा बताई गए सामग्री बिना प्राप्त किए ही स्टॉक में आमद दर्शा दी. इंदौर की फर्म रवि एंटरप्राइजेज से भी नियम विरुद्ध खरीदी की गई. 


इनके खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज
बता दें, नितिन को 55,00,000 रुपये, रवि राजोरिया को ₹5,00,000 का अनियमित और फर्जी भुगतान किया गया. फर्म ने लाखों रुपए के जीएसटी बिल भी नहीं भरे. सीएमओ ने तत्कालीन प्रशासन एसडीएम से नोटशीट पर बिना अनुमति स्वयं के हस्ताक्षर से भुगतान कर दिया. इस तरह एक करोड़ 27 लाख 27 हजार रुपए की हेराफेरी की गई. इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने तत्कालीन सीएमओ के एन एस चौहान, स्टोर प्रभारी मानसिंह मनोरिया, प्राइवेट व्यक्ति नितीन गांगुर्डे, रवि राजोरिया एवं अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा और भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409, 120b, 201 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है. 


देवास जिला हेराफेरी में नंबर वन
प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि में गड़बड़ी के मामले में देवास जिला सबसे नंबर वन पर है. लोकायुक्त पुलिस ने पहले भी तीन मामले दर्ज किए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि तत्कालीन कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला के पास जो शिकायत पहुंची तो उनके द्वारा जांच करवाकर लोकायुक्त में प्रकरण भेजे गए. वर्तमान कलेक्टर ऋषव गुप्ता द्वारा भी सरकारी योजनाओं के मद पर कड़ी नजर रखी जा रही है.