Jal Vihar Mela: चंबल (Chambal) के भिंड जिले की गोरमी तहसील में इस वक्त पांच दिवसीय जलविहार मेला चल रहा है. इस मेले की खास बात ये है कि एक दिन मेले की पूरी बागडोर महिलाओं के हाथ में रहती है. इस दौरान यहां दुकानदार और खरीदार दोनों ही महिलाएं होती है. इसके अलावा मेले की सुरक्षा भी इस दिन महिला पुलिसकर्मियों के द्वारा ही की जाती है.


एक दिन महिलाओं के हाथ में रहती मेले की बागडोर


दरअसल ये मेला पिछले 182 सालों से गोरमी में बड़ी जग्गा कालिया मर्दन (श्रीकृष्ण) भगवान के मंदिर में आयोजित किया जा रहा है. इसकी शुरुआत फूल डोल ग्यारस पर्व पर की गई थी. वहीं मेले की बागडोर महिलाओं के हाथ में सौंपने का कार्य  मंदिर के महंत स्वर्गीय केशवदास महाराज द्वारा किया गया था. इसका उद्देय़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना था. बता दें कि इस मेले में करीब 120 दुकानें लगाई जाती है.  


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महिलाओं का बढ़ता है आत्मविश्वास


वहीं मेले में दुकान लगाने वाली गुड्डी बेगम का कहना है कि, जब मेले की बागडोर एक दिन महिलाओं को सौंपी जाती हैं तो हमारे घर के पुरुष भी यहां नहीं आते. इससे हमें एक दुकान संभालने का मौका मिलता है और हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है. वहीं नीतू भदौरिया कहती है कि, हमे इस मेला का इंताजर साल भर रहता है. ये मेला तीन से चार दिन तक लगाया जाना चाहिए.


इस मेले की शुरुआत भले ही स्व केशवदास महाराज ने की हो लेकिन अभी भी इस परंपरा को आगे बनवारीदास, गिरिवरदास, मदनमोहनदास, कल्याणदास, रामदास महाराज बढ़ा रहे हैं. उनका कहना है कि वो अभी भी गुरुओं से मिली सीख के अनुसार चल रहे है. वहीं बुधवार को लगे मेले में पुरुषों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाई गई ह. साथ ही प्रशासन की टीम इस व्यवस्था को बखूबी से संभाल रही है.


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