Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण के दौरान भी विश्व के एकमात्र मंदिर ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) के कपाट बंद नहीं होने वाले हैं. यहां पर सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2022) का कोई असर देखने को नहीं मिलता है. केवल शिवलिंग स्पर्श को लेकर कुछ परंपराएं जरूर निभाई जाती हैं. इस मंदिर में प्राचीन काल से ही इन्हीं परंपराओं का निर्वहन हो रहा है. 


द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में प्राचीन समय से ही जो परंपराएं मंदिर समिति द्वारा बनाई गई है, उनका निर्वहन हो रहा है. यहां पर सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद नहीं होते. भक्तों को भगवान सतत दर्शन देते रहते हैं. मंगलवार को होने वाले चंद्र ग्रहण के दौरान भी यहां कपाट बंद नहीं होंगे. महाकालेश्वर मंदिर के आशीष पुजारी ने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान केवल शिवलिंग को स्पर्श करने पर प्रतिबंध रहेगा. 


ग्रहण पर विशेष रूप से दर्शन को आते हैं भक्त
देशभर के श्रद्धालु लगातार भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेते रहेंगे. मंदिर के कपाट बंद नहीं होंगे. आशीष पुजारी ने बताया कि शिव भक्त चंद्र ग्रहण के दौरान विशेष रूप से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेते हैं. मंदिर परिसर में बैठकर गुरु मंत्र और वैदिक मंत्र का जाप भी चंद्र ग्रहण के दौरान लाभकारी सिद्ध होता है. उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में धर्म शास्त्र नहीं बल्कि प्राचीन परंपराओं के अनुसार व्यवस्थाएं जारी रहती हैं. यही वजह है कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान यहां मंदिर के कपाट बंद नहीं होते. भगवान महाकाल कालों के काल हैं, इसलिए इन पर किसी प्रकार से ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ता. हालांकि, मंदिर में उस दौरान होने वाली आरती का समय जरूर परिवर्तित किया जाता है.


राष्ट्रीय कल्याण के लिए होगी प्रार्थना
महाकालेश्वर मंदिर के राम गुरु ने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान कुछ पंडित और पुरोहित गर्भगृह में बैठकर राष्ट्रीय कल्याण के लिए भगवान से प्रार्थना करेंगे. इस दौरान शिवभक्त भी मंदिर परिसर में भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचेंगे. जो भक्त मंदिर परिसर में सुविधाजनक परिस्थिति में बैठकर संक्षिप्त पाठ करना चाहता है, उसे भी अनुमति दी जाती है. 


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मस्तक पर विराजमान है चंद्रमा
भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान है. चंद्रमा शीतलता प्रदान करते हैं. चंद्र ग्रहण का कई राशियों पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है और जिन राशियों पर प्रतिकूल प्रभाव है, वे भी यदि भगवान शिव की आराधना करें, तो अनुकूल प्रभाव देखने को मिलेंगे.