Madhya Pradesh News: आज सोमवार का दिन न केवल वैज्ञानिक नजरिए से बल्कि खगोलीय एवं ज्योतिषीय क्षेत्र के लिए भी ऐतिहासिक (Historical Day) होने जा रहा है. कई सालों में एक बार ऐसा संयोग बनता है, जो आज 23 जनवरी को बनने जा रहा है. गौ तीर्थ भास्कर ज्योतिष केन्द्र के अनुसार आज सोमवार 23 जनवरी को तीन ग्रह एक साथ खुली आंखों से बिना किसी टेलीस्कोप की मदद से देखे जा सकेंगे. ऐसा संयोग कई वर्षों में देखने को मिलता है.


केन्द्र ने जानकारी देते हुए बताया कि यह आकाशीय क्षितिज पर आज 23 जनवरी को सोमवार शाम 7.54 बजे से लेकर डेढ़ घंटे तक देखा जा सकेगा. तीनों ग्रहों की युति कुंभ राशि में होगी, जो कि ठीक चंद्रमा से नीचे शनि एवं शुक्र को भी खुली आंखों से देखा जा सकता है. विज्ञान की दृष्टि से यह मात्र एक खगोलीय घटना है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से इसका अपना एक महत्व है. 23 जनवरी को शाम 7.54 बजे से इस अदभुत युति का दर्शन करने का अवसर मिलेगा. केन्द्र ने बताया कि चंद्रमा सामान्य दृष्टि से देखे जा सकते हैं, लेकिन शुक्र और शनि को सामान्य दृष्टि से देखे जाने का संयोग कभी-कभी ही प्राप्त होता है. 


जीवाजी वेधशाला उज्जैन की अपील
इधर शासकीय जीवाजी वेधशाला उज्जैन ने प्रदेश के सभी स्कूल प्रबंधकों से अपील की है कि वे इस खगोलीय घटना को बच्चों को दिखाए. कार्यालय से जारी पत्र में बताया गया कि आज 23 जनवरी को शाम बहुत सुंदर खगोलीय घटना होने जा रही है. इस दिन सूर्य अस्त के बाद पश्चिम दिशा में चंद्रमा, शुक्र ग्रह एवं सबसे सुंदर ग्रह शनि के साथ दिखाई देंगे, जिसे खगोलीय भाषा में चंद्रमा-शुक्र-शनि युति कहते हैं. 


आज 23 जनवरी को द्वितीय तिथि पर सायन गणना के अनुसार चंद्रमा कुंभ राशि में 27 अंश 2 कला पर होगा एवं उसकी क्रांति 16 अंश 59 कला दक्षिण होगी, शुक्र ग्रह कुंभ राशि में 25 अंश 13 कला पर होगा एवं उसकी क्रान्ति 14 अंश 29 कला दक्षिण होगी तथा शनि ग्रह भी कुंभ राशि में 24 अंश 50 कला पर होगा एवं उसकी क्रान्ति 14 अंश 25 कलश दक्षिण होगी. 


इस प्रकार हम देखते हैं कि चंद्रमा के साथ शुक्र एवं शनि ग्रह एक ही राशि में अत्यंत पास-पास हैं. शाम सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में हसिए के आकार का चंद्रमा दिखाई देगा, चंद्रमा के ठीक नीचे थोड़ा दक्षिण की ओर लट्टू के समान चमकता हुआ शुक्र ग्रह दिखाई देगा. शुक्र ग्रह के ठीक नीचे एवं कम चमकदार शनि ग्रह को आप देख सकेंगे. इस दिन चंद्रमा शाम 7 बजकर 54 मिनट पर अस्त हो रहा है. यह नजारा लगभग एक घंटे 30 मिनट देखा जा सकेगा. 


बिना किसी साधन के देखें यह घटना
जीवाजी कार्यालय के अनुसार इस घटना को बिना किसी साधन से अपनी आंखों से देख जा सकेगा. युति देखने के लिए टेलिस्कोप आदि किसी साधन की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि पास-पास देखने की स्थिति में भी खगोलीय पिण्ड टेलिस्कोप के दृश्य क्षेत्र से दूरी पर रहते हैं. स्कूल प्रबंधन इस घटना को विद्यार्थियों को दिखाने की व्यवस्था करें, यह घटना देखने के लिए उन्हें प्रेरित करें.


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