Chandrayaan 3 Landing on Moon: चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद देश भर में हर्ष का माहौल है. चारों तरफ बधाइयों का दौर चल रहा है. मिठाइयां बांटी जा रही है और आतिशबाजी भी की जा रही है. आपको बता दें कि देश भर में मनाई जा रही इस खुशी में मध्य प्रदेश के चार लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान है.चंद्रयान-3 की टीम में काम करने वाले यह चारों लोग मध्यप्र देश के छोटे-छोटे गांवों से निकले हैं.


आपको बता दें कि चांद पर भारत का चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक पहुंच गया है. इस सफलता के बाद से पूरे देश भर में जश्न का माहौल है. सोशल मीडिया पर लोग चंद्रयान-3 की टीम में जुटे वैज्ञानिकों को बधाइयां दे रहे हैं. मिशन चंद्रयान-3 की सफलता में मध्य प्रदेश के चार लोगों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है.ये चारों वैज्ञानिक मध्य प्रदेश के छोटे-छोटे गांवों से निकले हुए हैं. इनमें सतना के ओम पांडे, बालाघाट के महेंद्र ठाकरे, उमरिया के प्रियांशु मिश्रा और रीवा के तरुण सिंह शामिल हैं. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इन चारों के परिवार व गांवों में भी जबरदस्त खुशियों भरा माहौल है. 


सतना के ओम पांडे
सतना जिले के करसरा गांव में रहने वाले युवा वैज्ञानिक ओम पांडे का चंद्रयान-3 की सफलता में बहुत बड़ा योगदान है.ओम पांडे चंद्रयान-3 में प्रोजेक्ट इंजीनियर के रूप में जुड़े थे. ओम पांडे सतना के करसरा गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता रिटायरमेंट के बाद करसरा गांव में ही रहते हैं.ओम ने पांच साल पहले इसरो ज्वाइन किया था.ओम ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीटेक की पढ़ाई की है. 


बालाघाट के महेन्द्र ठाकरे
बालाघाट जिले के कैंडा टोला निवासी महेंज्र ठाकरे का भी इस मिशन में महत्वपूर्ण योगदान है. महेन्द्र ठाकरे इस मिशन में प्रोजेक्ट हेड के रूप में जुड़े थे. महेंद्र ठाकरे इसरों में 16 साल से काम कर रहे हैं. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद महेंद्र ठाकरे के गांव में खुशियों भरा माहौल है. लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ आतिशबाजी भी की.
 
उमरिया के प्रियांशु मिश्रा
उमरिया जिले के चंदिया कस्बे के निवासी प्रियांशु मिश्रा चंद्रयान-3 की व्हीकल टीम का हिस्सा हैं.प्रियांशु चंद्रयान-2 की टीम का भी हिस्सा रहे हैं. इसरों में वैज्ञानिक के रूप में प्रियांशु का चयन 2009 में हुआ था.प्रियांशु ने इसरो के कई प्रोजेक्ट में काम किया है.साल 2017 में प्रियांशु को यंग साइंटिस्ट मेरिट का अवार्ड भी मिला था. 


रीवा के तरुण सिंह
रीवा निवासी तरुण सिंह भी चंद्रयान-3 की टीम का हिस्सा हैं. तरुण सिंह की शुरुआती पढ़ाई रीवा के सैनिक स्कूल में हुई है.वो  चंद्रयान-3 की टीम में सीनियर साइंटिस्ट के रूप में शामिल हैं. चार साल पहले तरुण सिंह ने इसरो के साथ अपनी पारी की शुरुआत की थी. तरुण सिंह के पास चंद्रयान-3 से आ रही तस्वीरों की निगरानी की जिम्मेदारी है.


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