(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ujjain News: बॉलीवुड की चकाचौंध के बाद भी कम नहीं हुआ है कथक का आकर्षण, नृत्यांगनाओं ने कही यह बात
MP News: नृत्यांगना प्रतिभा रघुवंशी ने बताया कि कथक की शुरुआत मंदिरों से हुई थी. जिस तरह कथावाचक कथा के जरिए श्रोताओं तक अपनी बात पहुंचाते हैं, उसी तरह कथक के जरिए अपनी बात दर्शकों तक पहुंचा सकते हैं.
उज्जैन: कथक एक नृत्य की एक ऐसी विधा है, जिसका आकर्षण बॉलीवुड की चकाचौंध के बाद भी कम नहीं हुआ है. देशभर के 100 से ज्यादा कलाकारों ने उज्जैन में आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. कमाल की बात तो यह है कि बॉलीवुड में भी काम करने वाली प्रसिद्ध अभिनेत्रियों ने कथक से नृत्य की शुरुआत की थी. कथक की बदौलत ही इन फिल्म अभिनेत्रियों ने अपना नाम रोशन किया है, चाहें वह माधुरी दीक्षित रहीं हो या ऐश्वर्य रॉय.
क्या कहती हैं नृत्यांगनाएं
कथक की शुरुआत उत्तरी भारत से मानी जाती है, लेकिन देश भर में यह कला नृत्य कला सभी कलाओं में सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाली है. धार्मिक नगरी उज्जैन में कथक को लेकर एक प्रतियोगिता आयोजित की गई. इसमें देशभर के छोटे से लेकर बड़े कलाकारों ने हिस्सा लिया. कथक के क्षेत्र में ख्यातनाम कलाकार रहीं प्रतिभा रघुवंशी ने बताया कि कथक की शुरुआत मंदिरों से हुई थी. जिस प्रकार कथावाचक कथा के माध्यम से श्रोताओं तक अपनी बात पहुंचाते हैं, उसी तरह कथक के माध्यम से भी नृत्य के जरिए अपनी बात को दर्शकों तक पहुंचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पूर्व में कथक कला को लेकर ज्यादा रुझान नहीं था, लेकिन पिछले कुछ सालों में लगातार इसकी लोकप्रियता आम लोगों के बीच बढ़ी है. उन्होंने बताया कि देश की प्रसिद्ध अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, हेमा मालिनी, ऐश्वर्या रॉय सहित अन्य ने भी कथा के माध्यम से ही अपना बेस मजबूत किया. इसके बाद नृत्य के क्षेत्र में उन्होंने पूरे देश में प्रसिद्धि हासिल की.
शारीरिक व्यायाम भी है नृत्य
दिल्ली से प्रतियोगिता का निर्णय करने आई सुप्रसिद्ध कथक कलाकार गीतांजलि ने बताया कि कत्थक एक ऐसी कला जसके माध्यम से शरीर में फुर्ती भी आती है. इस नृत्य के जरिए पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है. कथक नृत्य कला भारत की प्राचीन कला में शामिल है. इसके प्रति युवा वर्ग का काफी रूझान है. भारत के सभी प्रदेशों में कथक कला सराही जाती है.
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