MP News: छतरपुर में लड़की ने कलेक्टर के सामने काटी हाथ की नस, जानें फिर क्या हुआ
Chhatarpur News: छतरपुर (Chhatarpur) में मां की प्रताड़ना से 2 बेटियां इ कदर परेशान हो गईं कि उनमें से एक ने कलेक्टर के सामने अपने हाथ की नस काट ली. लड़की पारिवारिक समस्या को लेकर परेशान थी.
Madhya Pradesh Girl Suicide Attempt: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) में कलयुगी मां की प्रताड़ना से 2 बेटियां इतना तंग हो गईं कि उनमें से एक ने कलेक्टर के सामने अपने हाथ की नस काट ली. आरोप है कि पति की मौत (Death) के बाद मां ने दोनों बेटियों को घर से निकाल दिया है. कलेक्टर से न्याय मांगने पहुंची बेटियों ने जनसुनवाई में ही खुदकुशी (Suicide) करने का प्रसास किया. घटना के बाद कलेक्टर कार्यालय में हड़कंप मच गया और एसडीएम ने घायल युवती को तुरंत जिला अस्पताल (Hospital) में भर्ती कराया.
अधिकारी ने मदद से किया इनकार
लड़की का नाम सविता द्विवेदी बताया जाता है और वो पिछले कई महीनों से पारिवारिक समस्या को लेकर परेशान थी. इसे लेकर वो जिला प्रशासन में कई बार आवेदन दे चुकी है. इस बार जब वो जनसुनवाई में पहुंची तो कलेक्टर साहब ने उसकी मदद से इनकार कर दिया. उल्टा उसे ही काउंसलर के पास भेजने की बात कही. इससे नाराज होकर सविता ने वहीं पर अपना आवेदन फाड़ दिया और ब्लेड से अपना हाथ काट लिया. कलेक्टर संदीप जे आर कुछ समझ पाते इससे पहले ही लड़की का हाथ खून से सन गया.
ये है मांग
पीड़ित युवती ने बताया कि 3 वर्ष पूर्व इनके पिता की शासकीय सेवा में रहते हुए मौत हो गई थी. 3 साल तक मां ने बच्चियों को खाना-पीना तो खिलाया मगर पढ़ाई नहीं कराई. इसके बाद दोनों बच्चियों को घर से निकाल दिया और स्वयं जाकर अपने बेटे के साथ रहने लगी. मां की प्रताड़ना से तंग दोनों बच्चियां शहर में किराए के मकान में रहने लगी. इसके बाद दोनों बच्चियों ने न्याय पाने के लिए जिला प्रशासन के सामने कई बार आवेदन दिए मगर उन्हें न्याय नहीं मिला. आज थक हार कर एक बच्ची ने जनसुनवाई में नस काट कर आत्महत्या करने की कोशिश की. उसे आनन-फानन में तत्काल जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. लड़की का कहना है कि उसे अपने पिता के फंड और पेंशन में से भरण-पोषण के लिए पैसा दिया जाए. अगर सरकार नहीं दिला सकती तो मुझे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलवाया जाए.
मां नहीं करती है मदद
सविता ने बताया कि उसका परिवार जिले के बारीगढ़ का रहने वाला है. पिता सरकारी नौकरी में थे, उनकी मौत के बाद परिवार में मां, तीन बहनें और एक भाई ही है. पिता सरकारी नौकरी में थे, इसलिए उनका पीएफ और पेंशन सब कुछ मां के पास ही आता है. सविता का आरोप है कि उसकी मां अंजू द्विवेदी ने तीनों बहनों के भरण पोषण के लिए मना कर दिया है.
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