Chhatarpur News: जनपद सदस्यों को बंधक बनाए के मामले पर HC गंभीर, कार्रवाई के निर्देश
Chhatarpur: छतरपुर जिले में जनपद सदस्यों को अपहरण करके बंधक बनाए जाने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
MP Highcourt News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में जनपद सदस्यों को अपहरण करके बंधक बनाए जाने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में आरोप लगाया गया है कि जनपद पंचायत के अध्यक्ष पद के दावेदार द्वारा सदस्यों का अपहरण कराया गया है. मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकिल दिनेश उपाध्याय ने तर्क प्रस्तुत किया.
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा नामजद रिपोर्ट करने के बाद भी कोई कार्यवाई नहीं की गई है. यहां तक कि अपराध भी पंजीबद्ध नहीं किया गया है. मामले की गंभीरता और आरोपों को देखते हुए कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर समुचित कार्रवाई करते हुए निर्णय लें. यदि आरोप सही पाए जाएं तो आरोपियों के खिलाफ विधि अनुसार कार्यवाई करें.
क्षेत्रीय विधायक की बहन पर धमकाने का आरोप
छतरपुर के घुवारा निवासी रामेश्वर यादव ने हाईकोर्ट में यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर बताया कि उसकी साली गुड्डी पत्नी कमलेश जनपद पंचायत टीकमगढ़ के क्षेत्र क्रमांक 19 से जनपद सदस्य निर्वाचित हुई है. निर्वाचन की घोषणा के उपरांत अध्यक्ष पद की प्रत्याशी कल्याणी गिरी जो कि क्षेत्रीय विधायक की बहन है, जनपद सदस्यों को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए डरा धमका कर दबाव बना रही थी.
इस वजह से जनपद सदस्य गुड्डी अपनी बहन के घर जिला छतरपुर चली गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि वहां से 7 जुलाई 2022 को अध्यक्ष पद की प्रत्याशी के कहने पर उसके कथित गुंडों ने गुड्डी बाई का अपहरण कर लिया और उसे टीकमगढ़ में कहीं अज्ञात स्थान पर ले गए. इसके बाद याचिकाकर्ता को उससे बातचीत भी करने नहीं दिया जा रहा है, जिसकी शिकायत उसने स्थानीय पुलिस चौकी में की थी. इसके अलावा उसने पुलिस थाना टीकमगढ़ में भी जाकर शिकायत की.
9 जनपद को बंधक बनाकर रखने का आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया है कि गुड्डी के अतिरिक्त अन्य 9 जनपद सदस्यों को भी कल्याणी गिरी ने बंधक बनाकर रखा हुआ है. ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि उन्हें 27 जुलाई को अध्यक्ष के चुनाव के समय सीधे लाकर अपने पक्ष में मतदान कराया जाएगा अथवा अपने प्रभाव का उपयोग करके उनकी जगह किसी अन्य पसंद के व्यक्ति से अपने पक्ष में वोट डलवाया जाएगा. याचिकाकर्ता के मुताबिक क्षेत्रीय विधायक दबंग व्यक्ति हैं और सत्तारूढ़ पार्टी के नेता है.
उन्हीं की सह पर उनकी बहन द्वारा सदस्यों का अपहरण करवाया गया है. इस मामले की शिकायत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से की गई लेकिन जब उन्होंने कोई कर्रवाई नहीं की तो यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई.
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