Chhatarpur News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) में एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने 38 साल के एक शख्स को उसके अंतिम संस्कार के 10 महीने बाद गिरफ्तार किया है. जी हां! आपने सही पढ़ा. दरअसल गिरफ्तार शख्स सुनील नामदेव ने 6.5 लाख रुपये को हड़पने के लिए एक प्लान बनाया और उसमें उसके परिवार ने भी पूरा साथ दिया. इस दौरान उसके परिवार ने एक लावारिस शव की पहचान सुनील नामदेव के तौर पर की और अंतिम संस्कार भी कर दिया.
हालांकि इस मामले की पोल तब खुल गई, जब पुलिस को लाश की डीएनए रिपोर्ट निगेटिव मिली. फिलहाल पुलिस ने उसके पास से पांच लाख रुपये बरामद किए हैं. इससे पहले 16 जुलाई 2021 को छतरपुर के लोहा व्यापारी सुधीर अग्रवाल के मैनेजर पुष्पेंद्र मिश्रा ने बमीठा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि छतरपुर के अनुराग रोड लाइंस से 6 लाख 66 हजार 500 रुपये का सरिया राजनगर के व्यापारी रामप्रताप अवस्थी को भेजा गया था. ट्रक को पनागर गांव का रहने वाला ड्राइवर सुनील नामदेव लेकर गया था. उसने सरिया राजनगर में उतारा और व्यापारी से पूरे रुपये भी ले लिए. इसके बाद वह गाड़ी को गंज के समीप एक वेयर हाउस के पास खड़ी कर कहीं गायब हो गया.
जब व्यापारी को अचनाक दिखा आरोपी
इसी बीच पुलिस को जांच के दौरान 24 जुलाई 2021 को राजनगर थाना क्षेत्र के कोड़ा हार में एक अज्ञात लाश मिली. सुनील के परिवार ने इस लाश की पहचान की और उसका अंतिम संस्कार कर दिया. मामला शांत पड़ ही रहा था कि 3 मई 2022 को व्यापारी सुधीर अग्रवाल गंज के पास स्थित बागेश्वर धाम मंदिर में दर्शन करने जा रहे थे और गढ़ा तिराहे के पास उन्हें सुनील नजर आ गया. सुधीर ने उसे रोका और अपने रुपये मांगते हुए गायब होने की बात पूछी तो वह उन्हें धमकाने लगा. उसने कहा कि वह अब पुलिस की फाइल में मर चुका है. यदि उसे परेशान किया तो वह उसकी हत्या कर देगा. साथ ही उसने धमकाते हुए उल्टा व्यापारी से 5 लाख रुपये की मांग कर दी.
सुनील नामदेव की नहीं थी डीएनए रिपोर्ट
इसका बाद सुधीर अग्रवाल तुरंत बमीठा पुलिस के पास पहुंचे और पूरी कहानी बताई. पुलिस ने घेराबंदी कर शनिवार को आरोपी को पकड़ लिया. आरोपी ने पुलिस से कहा कि उसने अपने मरने की खुद प्लानिंग की थी. वहीं पुलिस ने बताया कि राजनगर में जो अज्ञात लाश मिली थी, परिवार ने भले ही उसकी पहचान सुनील के रूप में की थी, लेकिन हमने उसका डीएनए सैंपल जांच के लिए भिजवाया था. डीएनए रिपोर्ट सुनील नामदेव की नहीं थी.
हाल ही में लौटा था छतरपुर
एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि इसके बाद पुलिस आरोपी को तलाश रही थी. वह पुलिस से बचने के लिए एक से दूसरे राज्य की यात्रा कर रहा था. सुनील नामदेव ने पुलिस के बताया कि वह पिछले 10 महीनों से अपने परिवार के संपर्क में नहीं था और हाल ही में छतरपुर लौटा था. अब पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि राजनगर थाना क्षेत्र में मिली लाश किसकी थी, जिसका सुनील नामदेव के रूप में अंतिम संस्कार किया गया था.
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