MP पुलिस अजब है! जिस लड़की की हत्या के आरोप में पिता-भाई को भेजा जेल, वह 9 साल बाद जिंदा लौटी
Chhindwara Police: पुलिस ने युवती के भाई और पिता से अपराध कबूल करवा लिया. मेडिकल रिपोर्ट और तमाम दस्तावेज बना लिए और तहसीलदार और चिकित्सकों की पुष्टि भी हासिल कर ली और कोर्ट से शाबाशी हासिल कर ली.
MP News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस मामले ने लोगों को दांतों तले उंगलिया दबाने पर मजबूर तो कर ही दिया, साथ ही प्रशासनिक सिस्टम पर भी सवालिया निशान लगा दिया. दरअसल, मामला एक युवती की मौत से जुड़ा हुआ है. जिस लड़की की हत्या के आरोप में पुलिस ने पिता और भाई को जेल भेज दिया था, वह लड़की जिंदा घर लौटी है. इस घटनाक्रम के बाद पुलिस और अधिकारियों की कार्रवाई और कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.
छिंदवाड़ा जिले की सिंगोड़ी चौकी अंतर्गत ग्राम जोपनला का है. यहां पुलिस ने साल 2014 में जिस लड़की को मृत बता दिया था, वह अब मंगलवार को अचानक ही घर वापस आ गई. साल 2014 में अपने घर से लापता हुई लड़की कि पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली थी. 2021 में सिंगोड़ी पुलिस ने लालता लड़की के पिता और भाई से पुछ्ताक्ष कर मामले की जांच शुरू की. पुलिस के मुताबिक 2 साल पहले युवती के भाई और पिता की निशानदेही पर युवती के कंकाल की बरामदगी दिखाकर हत्या के आरोप में पिता और भाई को जेल भेज दिया था.
यह भी पुलिस की कहानी!
पुलिस की कहानी के अनुसार, 13 जून 2014 को लड़की के भाई सोनू ने अपने पिता के साथ लाठी से हमला कर बहन की हत्या कर दी थी और शव को घर के पास खेत में दफना दिया था. उसकी बरामदगी भी 2021 में पुलिस ने तमाम गवाहों के सामने दर्शा दी और पंचनामा भी बना दिया. युवती के भाई और पिता से अपराध कबूल भी करवा लिया. मेडिकल रिपोर्ट और तमाम शिनाख्ती दस्तावेज भी बना लिए. तहसीलदार और चिकित्सकों की पुष्टि भी हासिल कर ली. फिर इन सबूतों के आधार पर लड़की के भाई और पिता को जेल भेजकर सारी औपचारिकताएं पूरी करके न्यायालय में चालान पेशकर वहां भी वाहवाही हासिल कर ली.
लेकिन अब कुछ ऐसा होता है जो पुलिस ने सोचा भी नहीं था. लड़की अचानक अपने घर वापस आई. उसे देखकर गांव वाले और घर वाले अचंभित रह गए. पूरे इलाके में ये मामला चर्चा में आ गया. पुलिस आनन-फानन में मामले को दबाने में लग गई, लेकिन ये कोशिश सफल नहीं हुई.
यह बताया 'मृत' युवती ने!
जिस युवती को पुलिस ने मृत घोषित करवा दिया था, उसने बताया कि वो अपनी मर्जी से घर से गई थी. इतने समय तक वो उज्जैन के पास रही और उसने शादी भी कर ली है. युवती का कहना है कि उसके पिता और भाई निर्दोष हैं, उन्हें पुलिस ने जबरन फंसाया है. बता दें कि युवती का भाई 2 साल से जेल में है. पिता को 1 साल जेल में रहने के बाद उम्र के आधार पर जमानत मिली है. लड़की का कहना है कि उसके निर्दोष भाई और पिता के साथ इंसाफ किया जाए।
पुलिस ने दिखाई थी 210 हड्डियों की बरामदगी
मामले का एक दिलचस्प पहलू ये भी है कि पुलिस ने जमीन खोदकर कंकाल की 210 हड्डियों की बरामदगी दिखाई थी, जबकि मानव शरीर में कुल 206 हड्डियां ही होती हैं. साथ ही 7 साल बाद सारी हड्डियों की बरामदगी होना भी आश्चर्यजनक है. ताज्जुब है कि डॉक्टर और तमाम अधिकारियों को भी ये तथ्य दिखाई नहीं दिया. पुलिस द्वारा अपना केस मजबूत बनाने के लिए ऐसे अनेकों मनगढ़ंत साक्ष्य पेश किए, जिनका जवाब देना भी अब पुलिस के लिए भारी पड़ रहा है.
वरिष्ठ अधिकारियों ने की थी जांच...
घटना के समय युवती की उम्र 14 साल थी, इसलिए इस मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई थी. बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा 2 वर्ष पहले ऐसे केसेस का निपटारा करके वाहवाही हासिल की गई थी, जो कि कई साल से अनसुलझे पड़े हुए हैं और उसी अभियान में अपनी पीठ थपथपा ली.
सिंगोड़ी चौकी पहुंची युवती
बहरहाल लड़की ने सिंगोड़ी चौकी में पहुंचकर पुलिस के सामने अपनी आमद दे दी है और पुलिस सारे मामले की जांच कर रही है. वर्तमान चौकी प्रभारी का कहना है कि इस घटना के समय वह यहां पदस्थ नहीं थे, इसलिए उन्हें जानकारी नहीं है. पूरे मामले की जांच करने के बाद ही वे कुछ कह पाएंगे. नाबालिग का मामला होने के कारण 2 साल पहले इस मामले की जांच एसडीओपी अमरवाड़ा द्वारा की गई थी. उनका भी तबादला हो चुका है, इसलिए वर्तमान अधिकारी भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है.
...तो वो किसका कंकाल था?
इस मामले के बाद अब कई सवालों ने जन्म ले लिया है. अगर उक्त युवती जिंदा है तो पुलिस ने जो कंकाल बरामद किया था वह किसका था? क्या पुलिस ने डीएनए सहित अन्य जरूरी टेस्ट करवाए थे, जिनसे कंकाल की पहचान युवती के रूप में हुई थी? अगर करवाए थे और उक्त कंकाल गुम युवती का था तो फिर अब ये युवती जो पुलिस के सामने आकर खड़ी हो गई है ये कौन है? पुलिस ने उक्त कंकाल की 210 हड्डियों की बरामदगी दिखाई थी, मानव शरीर में 206 हड्डियां होती हैं. शेष 4 हड्डियां किसकी हैं? बहरहाल, मामले की पूरी सच्चाई अब जांच के बाद ही सामने आएगी.
तत्कालीन पुलिस अधिकारी का यह है कहना
तत्कालीन सिंगोड़ी चौकी प्रभारी अभिषेक प्यासी ने मीडिया को बताया कि साल 2021 में लापता युवती के पिता और भाई ने पूछताक्ष में कबूल कर कंकाल बरामद करवाया था. डीएनए रिपोर्ट अभी तक लंबित है. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही क्लियर हो पाएगा. अगर यह महिला वह लापता युवती थी तो फिर वह कंकाल किसका था यह भी जांच का विषय होगा.
एएसपी ने कहा डीएनए जांच के बाद होगी कार्रवाई
एएसपी संजीव उईके के संज्ञान में मामला आने पर उन्होंने कहा कि 2014 में हुए घटना क्रम में सिंगोड़ी पुलिस ने 15 वर्षीय लापता लड़की की हत्या के मामले में पिता और भाई को आरोपी बनाया था. अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है. छिंदवाड़ा पुलिस ने लापता युवती को मृत बताकर हत्या के आरोप में पिता-भाई को भेजा जेल ,9साल बाद युवती घर जिंदा लौटी.
लापता युवती 9साल बाद घर कैसे पहुंची?
लापता हुई युवती कंचन उईके ने बताया कि मुझे मेरे ससुराल में गांव के एक व्यक्ति मिले. उन्होंने बताया कि मेरी वजह से मेरा पूरा परिवार परेशान है. पिता जेल काट चुके हैं और भाई जेल में है. यह सुनकर युवती 9 साल बाद अपने गांव सिंगोड़ी लौटी और परिजनों से मिलकर पुलिस चौकी पहुंची.
रिपोर्ट- सचिन पाण्डेय
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